राजस्थान कोचिंग समिति बिल 2024 के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा 20 मार्च ।राजस्थान सरकार द्वारा कल राजस्थान विधानसभा में पेश किए गए राजस्थान कोचिंग संस्थान बिल 2024 के लिए सुझाव या पुनर्विचार हेतु हाडोती संभाग कोचिंग समिति (रजि.) द्वारा राजस्थान सरकार द्वारा बनाए गए राजस्थान कोचिंग समिति बिल 2024 के विरोध में सम्भागीय अध्यक्ष बुद्धिप्रकाश शर्मा एवं सचिव धनेश विजयवर्गीय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कोटा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

समिति के सम्भागीय मीडिया प्रभारी विशाल उपाध्याय ने बताया कि ज्ञापन के द्वारा बिल में अनेक बिंदुओं पर राज्य सरकार से स्पष्ट करने की तथा कुछ बिंदुओं को हटाने व कुछ बिंदु जोड़ने की मांग की गई है।

समिति ने राजस्थान सरकार से आग्रह किया है कि इस बिल पर पुनर्विचार करे और राज्य की समुचित शिक्षा हेतु पारदर्शी, जनहितैसी और सर्वांनकुल बिल पास करे हम सब उसका पालन करेंगे और सरकार का सहयोग करेंगे। ज्ञापन में निम्न बिंदुओं को विशेषत जोर दिया गया-

1- सरकार ने छोटी वह बड़ी या मझले कोचिंग संस्थानों के स्तर को ध्यान में नहीं रखते हुए यह बिल पेश किया है जो कि गलत है।
2- सरकार ने सभी कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन की बात कही है परंतु यह स्पष्ट नहीं किया गया की 50 से 100 बच्चे पढ़ने वाले कोचिंग संस्थान या 10000 या 20000 या इससे अधिक बच्चे पढ़ाने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस एक समान रहेगी या अलग-अलग, इस विषयवस्तु को स्पस्ट नही किया।
3- राज्य सरकार छोटे-छोटे कोचिंग संस्थानों के लिए भी वही नियम या दंड इस बिल के माध्यम से निर्धारित कर रही है जो बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों के लिए हैं जो गलत है।
4- इस बिल के पारित होने के बाद छोटे और मझले कोचिंग संस्थान तो चलना मुश्किल हो जाएगा तथा इनमें कार्यरत सभी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे जो कि गलत है।
5- राजस्थान में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों में लगभग 5 लाख कर्मचारी कार्यरत है जिन्हें यह संस्थान रोजगार प्रदान कर रहे हैं यदि यह बिल इसी रूप में पास हुआ तो 5 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे क्या राज्य सरकार ने उन निजी शिक्षको व उनके परिवारों की रोजी रोटी के विषय मे कुछ सोचा.!
6- राज्य सरकार विभिन्न निजी विद्यालयों में गरीब छात्रों के लिए आरटीई के तहत फीस पुनर्भरण करती है तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में गरीब छात्रों के लिए अनुप्रति योजना के तहत फीस पुनर्भरण करती है तो राज्य सरकार को 9वी से 12वीं तक के सभी गरीब विद्यार्थियों के लिए भी कोचिंग फीस पुनर्बलन की कोई योजना इस बिल में शामिल करनी चाहिए।
7- राज्य सरकार निजी विद्यालयों को तो संरक्षण देती है परंतु निजी कोचिंग संस्थानों के साथ भेदभाव क्यों.!
8- राज्य में हजारों राजकीय विद्यालय चलते हैं तथा हजारों निजी विद्यालय चलते हैं यदि यही समुचित शिक्षा की व्यवस्था कर दे तो विद्यार्थी सोते ही कोचिंग संस्थान नहीं आएंगे फिर इस प्रकार बिल पास करने की क्या आवश्यकता.!
8- यदि राज्य सरकार इस प्रकार से बिल पास करके सुनियोजित तरीके से सभी कोचिंग संस्थान को नष्ट करना चाह रही है तो उन बेरोजगार 5 लाख शिक्षकों के रोजगार की क्या योजना.!
9-राज्य के कोचिंग संस्थान नष्ट होने से विद्यार्थी दूसरे राज्यों की कोचिंग में प्रवेश नहीं लेंगे.! इसकी सरकार कोई गारंटी देगी.!
10- इस बिल के माध्यम से राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों पर अफसरशाही लागू करना चाह रही है जो गलत है।

ज्ञापन देने वालों में समिति की जिलाध्यक्ष सोनिया राठौड़, सम्भागीय संरक्षक राकेश मिश्रा, सम्भागीय कोषाध्यक्ष नरेश नागर, संभागीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम मेहता, जिला संरक्षक आर के जांगिड़, जिला उपाध्यक्ष अनिकेत प्रजापति, जिला संगठन मंत्री वीरेंद्र शर्मा, समिति सदस्य नीरज मेहता, जितेंद्र पारेता, अनिल मीणा, रमेश गुर्जर, सविता शर्मा, आदि गिरिराज गौतम, रवि मोदी, आदि मौजूद थे

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