प्रमुख संवाद
कोटा, 1 फरवरी।
भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय किसान संघ ने कहा है कि सरकार ने देश के सभी राज्यों के किसानों का बजट में ध्यान रखा है।
प्रान्त प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि पहली बार बजट की शुरुआत कृषि व किसान से हुई है। चूंकि कृषि से जुड़ी बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। उस दृष्टि से बजट में गांवों व कृषि को प्राथमिकता में रखने पर हम देश की वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं। भारतीय किसान संघ ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की मांग की थी। जिसे बजट में 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया गया है। इससे देश के सभी किसानों को लाभ होगा और निश्चित तौर पर खाद्यान्न उत्पादकता में वृद्धि दर्ज होगी।
प्रान्त अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के माध्यम से सरकार देश के कम उत्पादकता वाले 100 जिलों के लिए विकासशील जिला कार्यक्रम के तहत कार्य करने वाली है। जिससे इन कमजोर जिलों में कृषि रोजगार के अवसरों में वृद्धि से करोड़ों किसानों को लाभ मिलेगा।
सम्भाग अध्यक्ष गिरीराज चौधरी ने बताया कि खाद की कमी को दूर करने सरकार असम में नया यूरिया प्लांट लगाने जा रही है जो स्वागत योग्य कदम है। जिलाध्यक्ष जगदीश कलमंडा ने बताया कि किसानों के विकास के लिए ऋण योजना, दलहन व कपड़ा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दलहन मिशन और वीटी कपास के कारण उत्पादकता में कमी व अनिश्चितता को देखते हुए सरकार ने नॉन जीएम कपास फसल के उत्पादन को बढ़ाने कपास मिशन बनाने का ऐलान बजट में किया है। प्रदेश महिला प्रमुख रमा शर्मा तथा रजनी धाकड़ ने कहा कि फल सब्जियों व श्रीअन्न के उत्पादन व लाभकारी मूल्य के लिए राज्यों के सहयोग से व्यापक कार्यक्रम चलाने की बात बजट में शामिल है। गांवों के विकास व किसान हितैषी केंद्रीय बजट का भारतीय किसान संघ स्वागत करता है।
किसान सम्मान निधि नहीं बढ़ाना निराशाजनक
आशीष मेहता ने कहा कि बजट पूर्व चर्चा में किसानों की प्रमुख मांग किसान सम्मान निधि बढ़ाने, कृषि आदान सामग्री पर जीएसटी खत्म करने और जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की मांग बजट में की थी। जिसके पूर्ण न होने से किसानों को निराशा हुई है।