नैसर्गिक दीक्षा महोत्सव: वैराग्य का दिव्य उत्सव – संयम, साधना और आत्मशुद्धि की ओर एक ऐतिहासिक कदम

प्रमुख संवाद, 27 फरवरी।


कोटा, राजस्थान | आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर कोटा की पावन धरा पर नैसर्गिक दीक्षा महोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह दिव्य अनुष्ठान 2 मार्च को थेकड़ा रोड स्थित मधुवन में संपन्न होगा। यह ऐतिहासिक क्षण उन आत्माओं के लिए एक नई यात्रा का प्रारंभ होगा जो सांसारिक मोह-माया त्यागकर संयम और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर हो रही हैं।

गुरु आस्था परिवार एवं सकल दिगंबर जैन समाज कोटा के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में ब्रह्मचारी देवेंद्र भैया (सूरत), ब्रह्मचारिणी मीना दीदी (उज्जैन) एवं ब्रह्मचारिणी प्रेमलता दीदी (इंदौर) संयम जीवन को अपनाकर आध्यात्मिक साधना का पथ प्रशस्त करेंगे। यह पवित्र दीक्षा संस्कार आचार्य श्री प्रज्ञासागर मुनिराज के सान्निध्य में संपन्न होगा।


तीन दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान

नैसर्गिक वातावरण में संपन्न होने वाले इस महोत्सव के तहत 28 फरवरी से 2 मार्च तक अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठान होंगे, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उन्नति का अद्भुत अनुभव प्रदान करेंगे।

🔹 28 फरवरी: शुभारंभ प्रातः 8:00 बजे मंगलाचरण, शांतिधारा एवं दिव्य प्रवचनों के साथ होगा। दोपहर 1:00 बजे दीक्षार्थियों के लिए हल्दी एवं मेहंदी की रस्म होगी, जो आध्यात्मिक यात्रा का प्रथम चरण मानी जाती है। सायं 6:00 बजे भव्य गोद भराई समारोह संपन्न होगा।

🔹 1 मार्च: वैराग्य रस्मों के अंतर्गत प्रातः 9:30 बजे भोजन-बर्तन त्याग महोत्सव होगा, जिसमें दीक्षार्थी अपनी सांसारिक वस्तुओं का त्याग करेंगे। दोपहर 1:00 बजे पवित्र गणधर चलय विधान का आयोजन किया जाएगा।

🔹 2 मार्च (दीक्षा दिवस):
✨ प्रातः 8:00 बजे गुरु पूजन एवं आहार दान की रस्म होगी।
✨ दोपहर 1:00 बजे दीक्षा संस्कार विधि शुरू होगी, जिसमें मंत्रोच्चार और धार्मिक अनुष्ठानों के मध्य दीक्षार्थी सांसारिक बंधनों को त्यागकर संयम पथ पर अग्रसर होंगे।


प्राकृतिक वातावरण में नैसर्गिक दीक्षा

दीक्षा संस्कार खुले आसमान व वृक्षों के नीचे, प्राचीन चतुर्थकालीन वातावरण में संपन्न होगा। इस पावन स्थल पर प्राकृतिक साधनों से निर्मित मंच एवं गुरुदेव के विश्राम स्थल हेतु कुटिया बनाई गई है, जो संयम जीवन की सादगी को दर्शाता है।


प्रमुख अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस ऐतिहासिक अवसर पर कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे:

✅ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (मुख्य अतिथि)
✅ भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी
✅ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
✅ राज्य ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर
✅ पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल
✅ महापौर राजीव अग्रवाल व मंजू महेरा


दीक्षार्थियों की आध्यात्मिक यात्रा

🔹 प्रेमलता दीदी (इंदौर):
संयम पथ पर अग्रसर प्रेमलता दीदी ने 30 वर्षों तक शिक्षा क्षेत्र में सेवा दी और पति के देहावसान के बाद संन्यास मार्ग अपनाने का निर्णय लिया। वे 21 बार शिखरजी यात्रा कर चुकी हैं और अष्टापद, गिरनारजी, महावीरजी जैसे प्रमुख तीर्थों की यात्रा कर चुकी हैं।

🔹 देवेंद्र भैया (सूरत):
संयम पथ पर आगे बढ़ते हुए 2 प्रतिमा नियम, 7 प्रतिमा नियम एवं 8 प्रतिमा नियम अपनाए थे।

🔹 मीना दीदी (उज्जैन):
25 वर्षों से मुनि संघ से जुड़ी मीना दीदी ने 2 प्रतिमा नियम, 5 प्रतिमा नियम, और 7 प्रतिमा नियम अपनाए। वे वर्षों से आहार-विहार एवं चातुर्मास में सक्रिय रही हैं।


संयम, साधना और मोक्ष का अनूठा संगम

आचार्य श्री प्रज्ञासागर मुनिराज ने कहा कि यह महोत्सव कोटा की आध्यात्मिक चेतना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखेगा। प्रकृति की गोद में संपन्न यह आयोजन संयम, साधना और मोक्ष का अद्भुत संगम होगा।

आयोजन समिति: गुरु आस्था परिवार एवं सकल दिगंबर जैन समाज कोटा
स्थान: थेकड़ा रोड स्थित मधुवन, कोटा
तिथि: 28 फरवरी – 2 मार्च

“जो इस पावन महोत्सव का हिस्सा बनेंगे, वे जीवनभर इसकी स्मृतियों को संजोकर रखेंगे और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में निरंतर अग्रसर होंगे।”

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