Sanjay kumar
जयपुर, 10 मार्च 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को कांग्रेस विधायकों ने किसानों के फसल बीमा क्लेम और बिजली उत्पादन को लेकर सरकार को घेर लिया। कांग्रेस विधायक शिमला बावरी और शांति धारीवाल ने मंत्रियों से तीखे सवाल पूछे, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं मिले, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।
फसल बीमा क्लेम पर तीखी बहस
अनूपगढ़ से कांग्रेस विधायक शिमला बावरी ने किसानों के फसल बीमा क्लेम में देरी का मुद्दा उठाते हुए कृषि मंत्री केके विश्नोई से पूछा कि क्या सरकार बीमा कंपनियों पर कोई कार्रवाई करेगी? मंत्री ने बताया कि अनूपगढ़ में 157 किसानों के क्लेम लंबित हैं और प्रक्रिया जारी है। लेकिन जब विधायक ने पूछा कि किसानों को देरी पर ब्याज मिलेगा या नहीं, तो मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। शिमला बावरी ने कृषि विभाग की शर्तें पढ़कर सुनाईं, जिसमें 12% ब्याज देने का प्रावधान था, लेकिन मंत्री चुप्पी साध गए।
बिजली उत्पादन पर मंत्री उलझे
सत्र में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर से बिजली उत्पादन और खरीद को लेकर सवाल किया। उन्होंने सरकार की रिपोर्ट में आंकड़ों की विसंगतियों को उजागर करते हुए एक समान इकाई में सही आंकड़े देने की मांग की। इस पर मंत्री पन्ने पलटते रहे और स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। धारीवाल ने तंज कसते हुए कहा, “इसे छोड़िए, कम से कम यह तो बता दीजिए कि सरकार ने कितनी बिजली खरीदी?” लेकिन मंत्री इस सवाल का भी जवाब देने में असमर्थ रहे।
विपक्ष ने घेरा, सरकार बचाव में असफल
मंत्रियों की असमंजस भरी स्थिति पर विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भी आपत्ति जताई, लेकिन स्पीकर ने चर्चा आगे बढ़ा दी। इससे विपक्ष को सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने का मौका मिल गया। किसानों के हितों और बिजली संकट को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और सख्त कदम उठाने की मांग की।