Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 28 अप्रैल 2025।
कोटा जिले में इस अक्षय तृतीया पर बाल विवाह के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा तैयार हो गया है। सृष्टि सेवा समिति ने जिले के विभिन्न धर्मगुरुओं के सहयोग से एक विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। समिति के जिला समन्वयक भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को प्रेसवार्ता में बताया कि धर्मगुरुओं का समर्थन अभूतपूर्व है और इस बार हमारा संकल्प है कि जिले में एक भी बाल विवाह न हो।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित, मौलवी, बैंड वाले, कैटरर, डेकोरेटर, हलवाई और मैरिज हॉल मालिक — सभी को बाल विवाह निषेध अधिनियम (PCMA), 2006 के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी भी रूप में बाल विवाह में भागीदारी पाई गई, तो दो वर्ष तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
जेआरसी के अनुभव से मिली रणनीति
समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि सिंह बघेल ने बताया कि हमारा नेटवर्क JRC (Judicial Rights Consortium) के नेतृत्व में देश के 416 जिलों में कार्यरत है। अब तक 2 लाख से अधिक बाल विवाह रोके गए हैं और 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को बाल विवाह निषेध की शपथ दिलाई गई है। कोटा में भी वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 200 बाल विवाह रुकवाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हम 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और इस दिशा में भुवन ऋभु की पुस्तक ‘When Children Have Children: Tipping Point to End Child Marriage’ में सुझाई गई समग्र रणनीति को जमीन पर उतारा जा रहा है।
‘बाल विवाह = बच्चों के साथ बलात्कार’ — धर्मगुरुओं को बताया गया सच
समिति के सलाहकार यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि आज भी समाज में बाल विवाह को लेकर गंभीर जागरूकता की कमी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की से शादी कर शारीरिक संबंध बनाना ‘पॉक्सो’ (POCSO) कानून के तहत बलात्कार की श्रेणी में आता है, चाहे वह वैवाहिक संबंध ही क्यों न हो।
यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि इस संदेश को लेकर हम धर्मगुरुओं के बीच पहुँचे और उन्हें बताया कि यदि पुरोहित वर्ग बाल विवाह करवाने से इनकार कर दे, तो इस अपराध का रातोंरात सफाया हो सकता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि अब पंडित और मौलवी भी इस पहल को न केवल समर्थन दे रहे हैं, बल्कि खुद आगे आकर बाल विवाह के खिलाफ शपथ ले रहे हैं।
समाज के हर पक्ष को चेतावनी
हाड़ा ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल लड़की या लड़के के माता-पिता ही नहीं, बल्कि बाराती, खानपान सेवाएं देने वाले, सजावट करने वाले, बैंड वाले, हलवाई, मैरिज हॉल संचालक और विवाह संस्कार कराने वाले सभी लोग यदि किसी बाल विवाह में सहयोग करते पाए गए, तो उनके खिलाफ भी कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रेसवार्ता में रहा प्रतिनिधियों का जमावड़ा
इस अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में गायत्री परिवार से यज्ञदत्त हाड़ा, मौलाना रौनक अली, तंजीम उल्मा ए अहले सुन्नत कोटा के अध्यक्ष अनवर अहमद प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने मिलकर बाल विवाह के खिलाफ कोटा को आदर्श मॉडल बनाने का संकल्प दोहराया।