Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 01 मई 2025।
नगर निगम कोटा दक्षिण में हाल ही में वार्ड 64 को लेकर जारी आदेश पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वार्ड 64 की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी एक भाजपा विचारधारा से जुड़े पार्षद को सौंपने के आदेश पर कांग्रेस खेमे में रोष व्याप्त है। इस मुद्दे को लेकर उपमहापौर पवन मीणा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम आयुक्त से मुलाकात कर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
उपमहापौर पवन मीणा ने आदेश को “पूरी तरह असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला” बताया। उन्होंने कहा, “जब किसी वार्ड का चुना हुआ पार्षद मौजूद है, तो ऐसे में उनकी भूमिका को दरकिनार कर किसी अन्य पार्षद को जिम्मेदारी सौंपना लोकतंत्र का अपमान है। यह फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया लगता है, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। यदि यह आदेश शीघ्र निरस्त नहीं किया गया, तो कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।”
वार्ड 64 के पार्षद दीपक कुमार, जिन्होंने खुद इस मुद्दे को लेकर सबसे पहले आवाज उठाई, ने कहा,
“यह आदेश न केवल मेरी प्रतिनिधि भूमिका का अपमान है, बल्कि मेरे वार्ड की जनता के विश्वास का भी अपमान है। जनता ने मुझे चुनकर भेजा है ताकि मैं उनके हितों की रक्षा कर सकूं। परंतु यह आदेश दर्शाता है कि अधिकारी सत्ता के इशारे पर काम कर रहे हैं। मैं इस भेदभावपूर्ण रवैये का विरोध करता हूं और मांग करता हूं कि मेरी भूमिका को बहाल किया जाए तथा आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।”
प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस पार्षदों – दीपक वर्मा, “मोहन नंदवाना, सोनू अब्बासी, इसरार मोहम्मद, धनराज चेची, मनोज गुप्ता, कपिल शर्मा, अनुराग गौतम, कुलदीप गौतम, सोनू भील, आसिफ मिर्ज़ा, साहिल शेरी, किशन प्रजापति, अशोक गुर्जर, ने भी एक स्वर में इस निर्णय का विरोध करते हुए निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा होती रही, तो वे शांत नहीं बैठेंगे।