Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 3 जून।
राष्ट्र सेविका समिति, राजस्थान क्षेत्र के स्वामी विवेकानंद विद्यालय महावीर नगर तृतीय में चल रहे प्रबोध वर्ग का समापन दीक्षांत समारोह मगंलवार को हुआ। प्रांत कार्यवाहिका रीना शुक्ला ने बताया कि समापन समारोह की मुख्य अतिथि समाजसेविका रमा शुक्ला थीं। अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज कोटा की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने की। वहीं, मुख्य वक्ता अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख वंदना वजीरानी रहीं। इस दौरान सेविकाओं ने घोष, दंड, नियुद्ध, गण समता, योग, आसन का अदभुद प्रदर्शन किया।




इस अवसर पर संबोधित करते हुए वंदना वजीरानी ने कहा कि सर्वस्पर्शी और समरस समाज खड़ा करने में मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। नागरिक कर्तव्य का पालन हमारी देशभक्ति का अभिन्न अंग होना चाहिए। राष्ट्रप्रेम सर्वप्रथम मां ही सिखा सकती है। आदर्श परिवार व्यवस्था खड़ी करने के लिए परिवार के सदस्यों को साथ में भोजन और भजन शुरु करना होगा। जबकि आदर्श समाज खड़ा करने के लिए जात, पांत, ऊंच नीच का भेद भूलकर सबको साथ आना होगा।
उन्होने कहा कि ज्ञान की अनवरत परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए अखंड भारत का स्वप्न हमारी आंखों में है। राम मंदिर का सपना साकार हुआ तो हमें विश्वास हुआ है कि हम एक दिन अखंड भारत को भी अपनी आंखों से साकार होते हुए देखेंगे। भारत एक राष्ट्र के रुप में ऑपरेशन सिंदूर, चंद्रयान अभियान, कोरोना वैक्सीन समेत हर चुनौती का सामना करते हुए विश्व में अपने गौरव का परिचय करा रहा है। हमारे सैनिक देश के लिए सीमाओं पर लड़ रहे हैं। आज देश की आंतरिक सुरक्षा भी मजबूत करने की आवश्यकता है। राष्ट्र सेविका समिति की शाखाओं की संख्या में बढ़ोतरी करनी होगी। वहीं इन शाखाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम भी समय की अवश्यकता है।
संगीता सक्सेना ने कहा कि हमारा प्रथम धर्म मानव सेवा है और सनातन में ही मानव धर्म समाहित है। भारत माता को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने के लिए समस्त मातृशक्ति को जुटना होगा। हमारी बौद्धिक क्षमता सर्वोच्च है। हम जल्दी ही दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत होंगे। वर्गाधिकार सिमरजीत कौर ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। रीना शुक्ला ने आभार जताया।