महेश नवमी पर ‘अनमोल रत्न’ प्रतियोगिता आयोजित, झांकियों में भारत दर्शन की भव्य प्रस्तुति

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा, 02 जून। महेश नवमी के पावन अवसर पर श्रीनाथपुरम स्थित श्री माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में माहेश्वरी महिला मंडल द्वारा ‘अनमोल रत्न’ प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस अनूठे कार्यक्रम में महिलाओं और युवतियों ने भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को मनमोहक झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के उपसभापति राजेश कृष्ण बिरला ने विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रेरणादायक माध्यम बनती हैं। निर्वतमान अ.भा.माहे.महासभा महिला अध्यक्ष आशा माहेश्वरी ने महिलाओं की कार्यक्रम की भव्यता के लिए प्रशंसा की।
मुख्य समन्वयक महेश अजमेरा के अनुसार, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सभा नंबर 108 की अध्यक्षा मीनू बिरला एवं निलिमा खुवाल रहीं। कार्यक्रम संयोजिका भारती डागा व अरुणा मूंदड़ा के कुशल नेतृत्व में दोपहर 3 बजे से केक कंपटीशन, फ्रूट प्लेटर तथा भारतीय दर्शन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। महिला मंडल की अध्यक्षा प्रीति राठी व सचिव सरिता मोहता ने बताया कि प्रतिभागी महिलाओं ने बढ़-चढ़कर एक से बढ़कर एक सुंदर झांकियां तैयार कीं तथा फ्रूट व केक की अद्भुत सजावट प्रस्तुत की।

भारत दर्शन की मनोरम झांकियां
अनमोल रत्न प्रतियोगिता के अंतर्गत आयोजित भारत दर्शन में राजस्थान, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बंगाल की सांस्कृतिक झांकियों का प्रदर्शन हुआ। सभी प्रतिभागियों ने अपनी झांकियों का विस्तृत परिचय नृत्य के माध्यम से मंच पर संगीतमय प्रस्तुति के रूप में दिया।
राजस्थान की झांकी में नेहा झंवर एवं सदस्यों ने किलों, इमारतों, जयपुर की गणगौर, बूंदी की तीज तथा कठपुतली नृत्यों को “पधारों म्हारे देश” के संदेश के साथ प्रस्तुत किया।
पंजाब की झांकी में अंजली तोषनीवाल एवं सदस्यों ने लोहड़ी, संस्कृति, खेत-खलिहान से ढाबा व पंजाबी थाली तथा स्वर्ण मंदिर की आभापूर्ण झांकी दिखाई।
बंगाल की झांकी में सीता जाजू ने काली मंदिर, हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल से दाल-भात तक की सांस्कृतिक यात्रा प्रस्तुत की।
गुजरात की झांकी में “आओ गुजरात चलें” की थीम पर सोमनाथ, द्वारका, साबरमती आश्रम, राजकोट के आभूषण, ज्योतिर्लिंग, कच्छ का रण, गिर नेशनल पार्क के शेरों सहित गुजरात के अनमोल रत्न जमशेद टाटा, मोरारजी देसाई, प्रधानमंत्री मोदी को भी झांकी में शामिल किया गया। साथ ही स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, अक्षरधाम, दांडी का नमक तथा फाफड़ा, ढोकला जैसे व्यंजनों का भी दर्शन कराया गया।
उत्तर प्रदेश की झांकी में भारती काल्या एवं सदस्यों ने कृष्ण जन्मस्थली से राम जन्मभूमि, लखनऊ की कांच की चूड़ियां, अलीगढ़ के ताले, मुरादाबाद का पीतल कार्य, सहारनपुर का लकड़ी बाजार, सारनाथ में गौतम बुद्ध का उपदेश, आम व गन्ने की खेती, चित्रकूट, बनारस का पान, साड़ी, काशी विश्वनाथ तथा गीता प्रेस की अविस्मरणीय झांकी सजाई।
मध्य प्रदेश की झांकी में महाकाल के दर्शन, क्लीन सिटी इंदौर, वहां के उद्योग-धंधे, अहिल्या बाई, चंदेरी साड़ी तथा कान्हा सेंचुरी का प्रदर्शन किया गया।
अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के उपसभापति राजेश कृष्ण बिरला ने विजेताओं को सम्मानित किया। इन तीनों प्रतियोगिताओं में संगीता काबरा, नीना मारचुनिया, संध्या लड्डा, निधि लाहोटी, अमिता मारचुनिया, श्वेता खुवाल, आरती काबरा, सीमा मालपानी, परिणीता लाहोटी, किरण सारड़ा, विजया सोमानी तथा रीमा लखोटिया ने संयोजिका की भूमिका निभाई।कार्यक्रम के सहयोगी भगवान बिरला एवं अशोक कुमार लखोटिया परिवार रहे।
इस अवसर पर मंत्री बिट्ठलदास मूंदड़ा, उपाध्यक्ष नंद किशोर काल्या, सहमंत्री घनश्याम मूंदड़ा, कोषाध्यक्ष राजेंद्र शारदा, सुरेश चंद काबरा, मंत्री ओम गट्टानी, के जी जाखेटिया, मंत्री रामचरण धूत, माहेश्वरी प्रमोद कुमार भंडारी व सत्यनारायण चांडक, अविनाश अजमेरा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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