Sanjay kumar
प्रयागराज, 27 जनवरी 2025
महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति की रक्षा व संवर्धन के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर के नेतृत्व में प्रयागराज में सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया। इस संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन बोर्ड की स्थापना करना है, जो हिंदू मंदिरों, उनकी संपत्तियों, और निधियों के समुचित प्रबंधन और संरक्षण का कार्य करेगा।
इस कार्यक्रम में देशभर से संतों, धर्मगुरुओं, शंकराचार्यों, अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से जुड़े व्यक्तियों ने भाग लिया। फिल्म अभिनेत्री और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया।
बाल योगी अरुण पुरी महाराज ने संसद में कहा, “सनातन हिंदू बोर्ड का गठन हिंदू धर्म के संरक्षण और प्रचार के लिए एक निर्णायक कदम होगा। यह बोर्ड स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करेगा और इसे सरकार द्वारा मान्यता दी जाएगी। यह बोर्ड हिंदू मंदिरों की संपत्तियों और निधियों की देखरेख करेगा।”
बोर्ड की संरचना और कार्यक्षेत्र
- बोर्ड में चारों शंकराचार्यों को प्रमुख संरक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
- 13 अखाड़ों के आचार्य और प्रमुख मंदिरों के ट्रस्टी इसमें सम्मिलित होंगे।
- सिख और बौद्ध धर्म के प्रतिनिधियों को भी विशेष समावेश मिलेगा।
- मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति और प्रबंधन की जिम्मेदारी बोर्ड संभालेगा।
- वक्फ बोर्ड द्वारा कथित कब्जाई गई संपत्तियों को मुक्त कराना प्राथमिकता होगी।
- सुरक्षा के लिए मंदिर परिसरों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।
- हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले मीडिया प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों को भी इसमें स्थान मिलेगा।
आगे की राह
सनातन धर्म संसद ने यह स्पष्ट किया कि इस बोर्ड की स्थापना का कार्य सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाकर पूरा किया जाएगा। संत समाज ने इसे हिंदुत्व की रक्षा और सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
यह धर्म संसद सनातन धर्म और हिंदू समाज के संगठन और सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में याद की जाएगी।