“जातिगत जनगणना पर केंद्र का यू-टर्न, कांग्रेस का विजन हुआ स्वीकार : प्रहलाद गुंजल”

Written by : प्रमुख संवाद


कोटा, 30 अप्रैल जातिगत जनगणना को लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने केंद्र सरकार के हालिया रुख को कांग्रेस की वैचारिक जीत बताया है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कांग्रेस का दीर्घकालिक विजन रहा है, जिसे अब केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।

गुंजल ने कहा कि “हम केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि सरकार अब इस प्रक्रिया की स्पष्ट टाइमलाइन भी घोषित करे कि जातिगत जनगणना कब तक पूरी होगी।”

उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की दिशा में जातिगत जनगणना एक निर्णायक कदम है। इससे यह स्पष्ट होगा कि ओबीसी, दलित, आदिवासी सहित देश की विभिन्न जातियों की वास्तविक जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और भागीदारी क्या है। गुंजल ने कहा, “आजादी के 75 वर्षों बाद भी समाज के कौन-कौन से वर्ग अभी भी पीछे हैं, कितने लोग गरीबी और विषमता में जीवन यापन कर रहे हैं, यह जानकारी तभी मिलेगी जब समग्र और वैज्ञानिक जातिगत जनगणना करवाई जाएगी।”

भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो नेता पहले कांग्रेस पर ‘जातियों में बांटने’ का आरोप लगाते थे, आज वही जातिगत जनगणना की जरूरत को मान रहे हैं। “यह कांग्रेस की वैचारिक और नैतिक जीत है,” उन्होंने कहा।

प्रहलाद गुंजल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी पिछले एक वर्ष से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे और अब सरकार का इस दिशा में कदम उठाना यह दर्शाता है कि कांग्रेस का दृष्टिकोण समय से पहले और जनहितकारी था।

गुंजल ने अंत में दोहराया कि सरकार को केवल घोषणा से आगे बढ़कर समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत करनी चाहिए, ताकि देश की जनता को यह भरोसा हो कि उनकी सामाजिक पहचान और भागीदारी का आंकलन जल्द ही सामने आएगा।


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