Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 1 मई।
पुण्य, ज्ञान और आत्मशुद्धि के पावन संगम का अवसर कोटा वासियों के लिए सजीव होने जा रहा है। 4 मई से 11 मई तक पुण्योदय अतिशय क्षेत्र नसियां जी दादाबाड़ी, कोटा में “पुण्योदय सम्यगज्ञान शिक्षण शिविर” का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह शिविर धर्म, सदाचार और आत्मानुशासन का सामूहिक प्रशिक्षण देने का माध्यम बनेगा।

धार्मिक और नैतिक शिक्षाओं से होगा जीवन निर्माण
शिविर के आयोजन की जानकारी देते हुए मंदिर अध्यक्ष जम्बू जैन सर्राफ, मुख्य संयोजक धर्मचंद जैन एवं अर्चना रानी जैन सर्राफ ने बताया कि यह शिविर परम पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से आयोजित किया जा रहा है।
यह शिक्षण शिविर विशेष रूप से बच्चों, युवाओं और वरिष्ठजनों के लिए बनाया गया है, जिसमें सभी को धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से जीवन मूल्यों की शिक्षा दी जाएगी।
सांगानेर के विद्वानों द्वारा होंगी वातानुकूलित कक्षाएं
श्री दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर, जयपुर के विद्वान पारस शास्त्री के निर्देशन में तत्त्वार्थसूत्र, प्रश्नोत्तरी, रत्नमालिका, इष्टोपदेश, छहढाला, बालबोध (भाग 1 व 2) जैसे धार्मिक ग्रंथों पर आधारित शिक्षण सत्र संचालित किए जाएंगे। समस्त शिक्षण सत्र वातानुकूलित कक्षाओं में सामूहिक रूप से आयोजित होंगे।
शुभारंभ और समापन समारोह की विशेष झलकियां
- 4 मई सुबह 8 बजे शिविर का शुभारंभ ध्वजारोहण, चित्र अनावरण, मंगल कलश स्थापना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा।
- 11 मई को प्रातः 7 बजे जिनवाणी प्रभावना यात्रा एवं 64 रिद्धि विधान का आयोजन किया जाएगा।
- सायं 7.30 बजे सांस्कृतिक संध्या, प्रतिभागी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह के साथ शिविर का समापन होगा।
सम्मान और पुरस्कार
शिविर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को रजतमय उपहारों से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही तीन सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।
पुण्याजकों का समर्पण
शिविर के मुख्य पुण्याजक हैं:
पदम, राजेन्द्र, हुकम काका, प्रकाश, प्रतीक, वैभव, तक्ष (हरसोरा परिवार)
महावीर, सिद्धार्थ (मित्तल परिवार)
श्रीमती सुशीला, अशोक, राजकुमार, विवेक, आनंद, विकास (ठोरा परिवार)
इसके अलावा धर्मचंद धनोप्या एवं चेतन जैन (जैन ऑटो डील) स्टेशनरी के पुण्याजक रहेंगे।
पंजीकरण में उमड़ रही आस्था
मुख्य संयोजक अर्चना रानी सर्राफ ने बताया कि अब तक 150 से अधिक प्रतिभागी पंजीकरण करवा चुके हैं और 4 मई तक यह संख्या 500 पार करने की उम्मीद है। यह आंकड़ा बताता है कि समाज के विभिन्न वर्गों में धर्म, शिक्षा और संस्कारों के प्रति गहरी रुचि जागृत हो रही है।
सम्पर्क:
अधिक जानकारी या पंजीकरण के लिए संबंधित आयोजकों से संपर्क किया जा सकता है।