एक्सक्लूसिव रिपोर्ट: Ultra कम्युनिकेशन सिस्टम – आधुनिक युद्ध और आतंकवाद में एक अदृश्य संचार नेटवर्क

Written By : Sanjay kumar
Published : 01 MAY 2025



Ultra कम्युनिकेशन सिस्टम क्या है?
Ultra कम्युनिकेशन सिस्टम एक अत्याधुनिक, सुरक्षित और उच्च-क्षमता वाला संचार नेटवर्क है, जिसे विशेष रूप से सैन्य और खुफिया अभियानों ” लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिस्टम पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क (जैसे GSM या CDMA) पर निर्भर नहीं करता, बल्कि रेडियो तरंगों और उपग्रह संचार का उपयोग करता है, जिससे इसकी पहचान और ट्रैकिंग अत्यंत कठिन हो जाती है।


तकनीकी विशेषताएं और कार्यप्रणाली:

  1. सॉफ्टवेयर-परिभाषित रेडियो (SDR): यह तकनीक विभिन्न फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करने की क्षमता प्रदान करती है।
  2. उच्च-ग्रेड एन्क्रिप्शन: संदेशों को अत्यंत सुरक्षित एन्क्रिप्शन से कूटबद्ध किया जाता है।
  3. उपग्रह संचार: संदेशों को उपग्रहों के माध्यम से नियंत्रित केंद्रों तक भेजा जाता है।
  4. मोबाइल एड-हॉक नेटवर्किंग (MANET): यह नेटवर्क को गतिशील और स्वायत्त बनाता है जिससे यह पोर्टेबल डिवाइस, ड्रोन और वाहनों में भी काम करता है।

क्यों यह सिस्टम पकड़ में नहीं आता?

  • कम पहचान योग्य संकेत (LPI): इसके संकेत पारंपरिक उपकरणों से पहचाने नहीं जा सकते।
  • कम संभावना वाले अवरोधन (LPD): इसका डेटा इंटरसेप्ट करना लगभग असंभव है।
  • उच्च एन्क्रिप्शन: इतना मजबूत कूटलेखन होता है कि डिक्रिप्शन लगभग असंभव हो जाता है।

कौन लोग इसका उपयोग करते हैं?

  • सैन्य बल: अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देश अपनी सेनाओं में इसका उपयोग करते हैं।
  • आतंकवादी संगठन: पाकिस्तान सेना समर्थित आतंकी समूह Ultra सेट्स का उपयोग जम्मू-कश्मीर में कर चुके हैं।
  • खुफिया एजेंसियां: विभिन्न देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियां भी इस तकनीक का उपयोग करती हैं।

भारत में Ultra सिस्टम की उपस्थिति:

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में बरामद ऐसे Ultra सेट्स की पहचान की है जो पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर नहीं रहते। ये डिवाइस रेडियो तरंगों के माध्यम से चीनी उपग्रहों से जुड़ते हैं और पाकिस्तान में स्थित सर्वर से संचालित होते हैं। इस कारण यह सिस्टम भारतीय मॉनिटरिंग सिस्टम की पकड़ में नहीं आता।


भारत की प्रतिक्रिया और प्रयास:

भारतीय सेना ने इन Ultra सेट्स की एन्क्रिप्शन को डिक्रिप्ट करने के प्रयास तेज़ कर दिए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने हाल ही में कहा कि सेना जल्द ही ऐसे डिवाइस को डिक्रिप्ट करने में सक्षम होगी, जिससे आतंकवादी नेटवर्क को गंभीर झटका लगेगा।


Ultra कम्युनिकेशन सिस्टम आधुनिक युद्ध और आतंकवाद में एक शक्तिशाली व अदृश्य हथियार बन चुका है। इसकी उन्नत तकनीक इसे पकड़ पाना लगभग नामुमकिन बनाती है। भारत जैसे देशों को चाहिए कि इस तकनीक के खिलाफ काउंटर-सिस्टम को विकसित किया जाए और साइबर डोमेन में भी उच्च क्षमताएं तैयार की जाएं।



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