Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 4 मई।
कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने शहर में अनधिकृत रूप से संचालित मांस की दुकानों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रविवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस संचालित, गंदगी फैलाने वाली और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली ऐसी दुकानों को तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए।
विधायक शर्मा ने कहा कि कोटा एक धार्मिक, शैक्षणिक, पर्यटन और स्मार्ट सिटी है, लेकिन शहर में कई स्थानों पर अवैध रूप से मांस की दुकानें संचालित हो रही हैं जिनका न तो कोई लाइसेंस है और न ही वे स्वच्छता मानकों का पालन करती हैं। इन दुकानों पर खुलेआम पशु अवशेष लटकाए जाते हैं, जो न केवल लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का सर्वाधिक शाकाहारी राज्य है और यहां के नागरिक धार्मिक आधार पर शाकाहार को अपनाते हैं। ऐसे में सड़कों पर खुले में मांस की बिक्री मानसिक पीड़ा और अस्वच्छता का कारण बनती है। यह स्थिति संविधान प्रदत्त स्वच्छ वातावरण के अधिकार का भी उल्लंघन है।
चोरी के पशुओं का मांस बेचे जाने का संदेह
शर्मा ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे आशंका है कि चोरी हुए पशुओं का मांस इन अवैध दुकानों पर बेचा जा रहा है। इससे पशुपालकों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने अवैध दुकानों पर कार्रवाई से इन घटनाओं पर अंकुश लगने की संभावना जताई।
घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र में मछली शिकार पर जताई चिंता
विधायक ने घड़ियाल अभयारण्य जैसे संरक्षित क्षेत्रों में मछली शिकार की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अभयारण्य में शिकार कानूनन दंडनीय अपराध है, और ऐसे में वन विभाग के साथ संयुक्त अभियान चलाकर इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
नगर निगम की तैयारियां व कार्रवाई
बैठक में जानकारी दी गई कि नगर निगम अब तक 150 से अधिक अवैध मांस दुकानों की पहचान कर नोटिस जारी कर चुका है। विधायक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केवल पके हुए मांस की बिक्री के लिए दिए गए लाइसेंस ही मान्य हैं, कच्चा मांस बेचने अथवा जानवर काटने की अनुमति किसी भी दशा में नहीं दी जा सकती।
अवशेषों से हो रहा प्रदूषण व गंदगी
विधायक शर्मा ने कहा कि इन दुकानों से निकलने वाले अवशेष शहर की स्वच्छता व जलाशयों की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। कई स्थानों पर खुले में मांस फेंका जाता है जिसे आवारा पशु इधर-उधर फैलाते हैं, जिससे संक्रमण और दुर्गंध फैलती है।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शहर में धार्मिक भावना, स्वच्छता और जनस्वास्थ्य की दृष्टि से इन अवैध दुकानों को तत्काल बंद कराया जाए। बैठक में नगर निगम आयुक्त धर्मेंद्र त्यागी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र नागर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।