Written by : प्रमुख संवाद
5 मिनट में क्विक रेस्पॉन्स, समन्वित राहत-बचाव कार्यों का हुआ प्रभावशाली प्रदर्शन
कोटा, 7 मई।
हवाई हमले जैसी आपदा से निपटने की प्रशासनिक तैयारी परखने के लिए बुधवार शाम कोटा शहर की एक प्रमुख सरकारी इमारत पर सिविल डिफेंस द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में युद्धकालीन परिस्थिति को दर्शाते हुए इमारत पर हवाई हमला हुआ, जिससे भवन में आग लग गई, भारी क्षति हुई और कई लोगों के हताहत व घायल होने की सूचना मिली।




हमले की सूचना मिलते ही महज 5 मिनट में क्विक रेस्पॉन्स टीम, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, एम्बुलेंस सेवा और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया। संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत, जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, आईजी कोटा रेंज रविदत्त गौड़, पुलिस अधीक्षक शहर डॉ. अमृता दुहन, एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला सहित सभी संबंधित अधिकारी现场 पर मौजूद रहे।
फायर ब्रिगेड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीढ़ियों के माध्यम से आग में फंसे लोगों को बाहर निकाला। सिविल डिफेंस की टीमों ने क्षतिग्रस्त इमारत के मलबे से लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया। घायल व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस से नजदीकी अस्पताल भेजा गया।
ड्रिल में घायलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया—
- आग से झुलसे हुए
- अत्यंत गंभीर रूप से घायल
- सामान्य रूप से घायल
हर श्रेणी के मरीजों को त्वरित आपातकालीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। यह अभ्यास इस उद्देश्य से किया गया कि वास्तविक संकट की स्थिति में समय पर कार्रवाई की जा सके और जान-माल की हानि न्यूनतम रहे।
संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर ने बताया कि मॉक ड्रिल में चेतावनी प्रणाली की कार्यप्रणाली, कंट्रोल रूम की तत्परता, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, रेस्क्यू ऑपरेशन और चिकित्सा सहायता की त्वरित उपलब्धता जैसे बिंदुओं की गहराई से समीक्षा की गई।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार देश के विभिन्न सिविल डिफेंस जिलों में एक साथ यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। कोटा में हुए इस मॉक अभ्यास में दोनों नगर निगमों के आयुक्त, फायर ब्रिगेड अधिकारी, एवं आपदा प्रबंधन, राहत एवं बचाव से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लेकर इसे सफल बनाया।
यह मॉक ड्रिल दर्शाती है कि संकट के समय प्रशासन कितनी तेजी, समर्पण और समन्वय के साथ कार्य करने में सक्षम है।