विप्र फाउंडेशन कोटा की पहली शतरंज प्रतियोगिता में उभरे नन्हे ग्रैंडमास्टर, प्रतिभा ने बिछाई जीत की बिसात

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा, 19 मई। विप्र फाउंडेशन कोटा की ओर से रविवार को मंगलेश्वरी गार्डन, रंगबाड़ी रोड पर प्रथम शतरंज प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें नन्हे-मुन्नों ने अपनी बुद्धिमत्ता और गहरी सोच की चालों से सभी को चौंका दिया। कार्यक्रम में कुल 35 बच्चों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 25 बच्चों ने पूरे जोश और उमंग के साथ प्रतियोगिता में भाग लिया।

प्रतियोगिता को आयु वर्ग के अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा गया था—
10 वर्ष से कम उम्र के वर्ग में देव गौतम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, मंथन गौतम रहे द्वितीय और अतुलित पांडे ने तीसरा स्थान हासिल किया।
11 से 15 वर्ष की श्रेणी में हार्दिक शर्मा ने शानदार खेल के दम पर प्रथम स्थान पाया, माधव शर्मा द्वितीय तथा पवित्र गौतम तृतीय स्थान पर रहे।
16 वर्ष से अधिक उम्र के वर्ग में आकर्षित भारद्वाज ने विजेता का खिताब जीता, अनुष्का भारद्वाज द्वितीय और रुद्राक्ष शर्मा तृतीय स्थान पर रहे।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला प्रदेश अध्यक्ष शशि शर्मा उपस्थित रहीं। मंच पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में आलोक शर्मा (प्रदेश कोषाध्यक्ष), जगदीश शर्मा (जिला अध्यक्ष, कोटा महानगर), रमेश शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष, विप्र कर्मचारी-अधिकारी संगठन), नरेंद्र नंदवाना (जिला अध्यक्ष), श्रुति मालवीय (प्रदेश महामंत्री, महिला प्रकोष्ठ), रेनू शर्मा, मोना शर्मा, श्रुति शर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष), भीमसेन गौतम (जिला महामंत्री), विनोद कुमार (जेलर), विकास दीक्षित (सचिव), सुकेश ओदिच्च (प्रदेश महासचिव), राजू गौतम, शानू शर्मा एवं नरेश शर्मा मंच की शोभा बढ़ा रहे थे।

कार्यक्रम संयोजक रहे हरी सूदन शर्मा (प्रदेश संगठन महामंत्री)। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता रमेश चंद्र गौतम ने बताया कि प्रतियोगिता का संचालन पूरी पारदर्शिता और उत्साह के साथ किया गया। निर्णायक की भूमिका में मनोज सक्सेना (पूर्व लेखाधिकारी) एवं सुकेश ओदिच्च (शारीरिक शिक्षक) ने उत्कृष्ट संचालन किया।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस आयोजन में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की भी सक्रिय उपस्थिति रही। खेल को खेल की भावना से खेलने का संदेश देते इस आयोजन ने ना सिर्फ बच्चों की बौद्धिक क्षमता को मंच दिया, बल्कि भविष्य के ग्रैंडमास्टर्स को भी पहचान दिलाई।

विप्र फाउंडेशन कोटा के इस प्रथम शतरंज आयोजन ने यह साबित कर दिया कि नन्हे दिमाग भी बड़े सपने बुन सकते हैं—हर चाल एक नई दिशा में सोचने की प्रेरणा बन सकती है।

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