Written by : Sanjay kumar
जयपुर, 20 मई 2025 — राजस्थान की राजधानी जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने अपनी ही संस्था के एक वरिष्ठ अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। एसीबी की टीम ने सोमवार को Sawai Madhopur में तैनात एडिशनल एसपी भैरुलाल मीणा को 80,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। इस मामले में दो दलाल भी गिरफ्तार किए गए हैं, जो अवैध वसूली में उसकी मदद कर रहे थे।
मुख्य तथ्य:
- गिरफ्तारी की कार्रवाई: ACB जयपुर की टीम ने भैरुलाल मीणा को शराब और बजरी माफियाओं से अवैध वसूली के मामले में ट्रैप कर पकड़ा। मीणा Sawai Madhopur में पदस्थ थे और लंबे समय से विभिन्न विभागों से मासिक उगाही कर रहे थे।
- मासिक वसूली का खुलासा: पूछताछ में सामने आया कि जिला आबकारी अधिकारी मधुसूदन सैनी हर महीने एडिशनल एसपी को 20,000 रुपये की रिश्वत देता था। इसी प्रकार परिवहन विभाग के अधिकारी और अन्य विभागों से भी मासिक बंधी चल रही थी।
- दलालों की भूमिका: भैरुलाल मीणा के साथ पकड़े गए दो दलाल, शराब और बजरी माफियाओं से नकद राशि लेकर मीणा तक पहुंचाते थे। इनका नेटवर्क Sawai Madhopur से लेकर जयपुर तक फैला हुआ था।
- पिछली कार्रवाई से जुड़ाव: उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 में जिला परिवहन अधिकारी महेशचंद मीणा को भी ACB ने 80,000 रुपये की रिश्वत देते हुए पकड़ा था, जो भैरुलाल मीणा को ही दी जा रही थी।
- ऑडियो-वीडियो साक्ष्य: ACB के पास मीणा और दलालों के बीच हुई बातचीत के ऑडियो और वीडियो प्रमाण मौजूद हैं, जिनके आधार पर ट्रैप की योजना बनाई गई थी।
- संगठित गिरोह की तरह गतिविधि: ACB के एडीजी दिनेश एमएन ने बयान में कहा है कि यह एक संगठित गिरोह की तरह काम कर रहा था, जिसमें सरकारी अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत थी।
प्रशासनिक हलकों में हड़कंप
इस कार्रवाई से पुलिस और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के भीतर ही इस तरह के घोटाले ने संस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्तता से सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
ACB ने भैरुलाल मीणा, दोनों दलालों और अन्य संदिग्ध अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और पूछताछ जारी है। जल्द ही और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।