Written by : प्रमुख संवाद
तकनीकी दक्षता के नए युग की ओर कदम –
कोटा, 19 मई।
कोटा और बूंदी जिले के युवाओं को तकनीकी दक्षता, कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता संभागीय आयुक्त श्री राजेंद्र सिंह शेखावत ने की। यह अभिनव पहल लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के उस व्यापक विज़न से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कोटा-बूंदी क्षेत्र के युवाओं को तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाकर विकसित भारत के निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही थी।
युवा सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम
कार्यशाला में संभागीय आयुक्त श्री शेखावत ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के इस युग में युवाओं का तकनीकी रूप से दक्ष होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावसायिक और तकनीकी कोर्स युवाओं को न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने में सहायक होंगे, बल्कि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी उन्हें तैयार करेंगे।
उपस्थित संस्थाएं और प्रतिनिधि
इस कार्यशाला में कोटा कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी, बूंदी कलेक्टर श्री अक्षय गोदारा, केडीए आयुक्त ऋषभ मंडल, लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी श्री राजेश गोयल सहित विभिन्न सरकारी विभागों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा विश्वविद्यालय सहित कई प्रमुख तकनीकी एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों ने सहभागिता की।
मुफ्त कोर्स और रोजगार की गारंटी
कार्यशाला में बताया गया कि प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा और इसके बाद प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें रोजगार हेतु विशेष प्लेसमेंट मंच उपलब्ध कराया जाएगा।
इमेजिन संस्था का अनुभव और भागीदारी
इस कार्यक्रम में भागीदारी निभा रही ‘इमेजिन’ संस्था द्वारा अब तक देशभर में 38 लाख से अधिक युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाया जा चुका है। संस्था द्वारा डिजाइन किए गए कोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिटिक्स, 5G, मेटावर्स, हार्डवेयर एवं एंबेडेड सिस्टम जैसे विषयों को शामिल करते हैं।
शैक्षणिक और प्रायोगिक प्रशिक्षण का समावेश
कार्यशाला में ‘प्दहंहम’ कंपनी के सीईओ श्री विजय करुणाकरण ने बताया कि इन कोर्सेज में वास्तविक कंपनियों की केस स्टडी, साक्षात्कार की तैयारी, प्रोफेशनलिज्म, नेटवर्किंग और आत्मविश्वास निर्माण जैसे विषय भी सम्मिलित किए गए हैं, जिससे युवाओं का समग्र विकास हो सके।
कृषि क्षेत्र में भी तकनीक का समावेश
तकनीकी प्रशिक्षण केवल शहरी युवाओं तक सीमित नहीं रहेगा। कृषि क्षेत्र के युवाओं को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट फार्मिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी और डेटा-ड्रिवन एग्रीकल्चर जैसे विषयों पर विशेष कोर्स बनाए गए हैं।
डिजिटल पोर्टल और औद्योगिक जुड़ाव
कार्यशाला में प्रदर्शित प्रेरणादायक वीडियो फिल्म के माध्यम से युवाओं को तकनीकी शिक्षा के लाभ समझाए गए। साथ ही एक विशेष डिजिटल पोर्टल विकसित किया जा रहा है जिसमें प्रशिक्षित युवाओं का डाटाबेस होगा, जिसे एमएसएमई और बड़े उद्योग उपयोग कर सकेंगे। इससे प्लेसमेंट की संभावनाएं और मजबूत होंगी।
प्रतिभागिता और जागरूकता
कार्यक्रम के अंत में संस्था के वाइस प्रेसिडेंट श्री हर्षा द्वारा की गई शैक्षणिक गतिविधियों में युवाओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई, जो उनकी जागरूकता और उत्साह का परिचायक रही।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला कोटा-बूंदी क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी क्रांति से जोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह पहल न केवल युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदार भी बनाएगी।