Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 14 अगस्त 2025। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने राज्य सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के निर्णय का तीखा विरोध किया है। विभाग संयोजक पुलकित गहलोत ने कहा कि वर्ष 1949 से छात्रहितों में कार्यरत विद्यार्थी परिषद, सरकार के इस मत से सहमत नहीं है और इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर आघात मानती है। परिषद ने उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर चार प्रमुख मांगें रखी हैं—

अभाविप की प्रमुख मांगें
- शिक्षा नीति का सही क्रियान्वयन:
राज्य सरकार द्वारा शिक्षा नीति क्रियान्वयन में छात्रसंघ चुनाव से जुड़ी गई बातें भ्रामक हैं। वस्तुतः राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों, संसाधनों, प्रयोगशालाओं और कौशल आधारित शिक्षा की भारी कमी है। परिषद ने मांग की है कि राज्य में नई शिक्षा नीति का प्रभावी और सही क्रियान्वयन किया जाए। - अकादमिक कैलेंडर का पालन:
सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र पटरी से उतर चुका है। अकादमिक कैलेंडर का पालन न होना विश्वविद्यालय प्रशासन की असफलता है। कुलपतियों द्वारा चुनाव न कराने के औचित्य में हिंसा व अशांति का हवाला देना निंदनीय है और छात्रों के बीच नकारात्मक संदेश देता है। परिषद ने कुलपतियों से मांग की है कि वे शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए गंभीर प्रयास करें। - लिंगदोह समिति की सिफारिशें लागू करने के लिए रिफॉर्म्स कमेटी:
उच्च न्यायालय में राज्य सरकार द्वारा लिंगदोह समिति की सिफारिशें लागू न कर पाने की स्वीकारोक्ति, सरकार की विफलता को दर्शाती है। परिषद ने सुझाव दिया है कि एक रिफॉर्म्स कमेटी बनाई जाए जिसमें शिक्षाविद, छात्र संगठन और विशेषज्ञ शामिल हों, ताकि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष छात्रसंघ चुनाव हो सके। - चुनाव रद्द करने के निर्णय का विरोध और आंदोलन की घोषणा:
परिषद ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध करते हुए छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग की है। पुलकित गहलोत ने चेतावनी दी कि चुनाव बहाली तक राजस्थान के हर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में आंदोलन और प्रदर्शन किए जाएंगे।
