Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 24 भई। कोटा की धार्मिक और आध्यात्मिक भूमि एक बार फिर पुनः पावन और गौरवान्वित होने जा रही है, जब पुष्पगिरि तीर्थ प्रणेता 108 पुष्पदंत महाराज के शिष्य तपोभूमि प्रणेता, मुनि संघनायक, आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज इस वर्ष 2025 का चातुर्मास कोटा नगर में संपन्न करेंगे। यह अवसर कोटा दिगंबर जैन समाज के लिए न केवल गौरव का विषय है, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव के रूप में देखा जा रहा है।
इस संबंध में गुरू आस्था परिवार कोटा और सकल दिगंबर जैन समाज के सैकड़ों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचकर आचार्य श्री के चरणों में श्रीफल अर्पित कर कोटा में चातुर्मास की विनती की, जिसे आचार्य श्री ने सहर्ष आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया और वातावरण “जय गुरुदेव” के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे उज्जैन, किया विनम्र आग्रह
गुरु आस्था परिवार के प्रमुख यतिश जैन खेडावाला एंव लोकेश जैन सीसवाली ने जानकारी दी कि कोटा से लगभग 250 से अधिक श्रद्धालु दो बसों और निजी वाहनों से उज्जैन पहुंचे थे। सभी श्रद्धालुओं ने अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और नम्रता के साथ आचार्य श्री के समक्ष कोटा में चातुर्मास की प्रार्थना की।
इस विशेष अवसर पर सकल दिगंबर जैन समाज समिति के अध्यक्ष प्रकाश बज, परम संरक्षक विमल जैन नांता, महामंत्री पदम बड़ला, कोषाध्यक्ष जितेंद्र हरसोरा, जे.के. जैन, यतिश जैन खेडावाला, लोकेश जैन सीसवाली, पूर्व मंत्री विनोद टोरड़ी, विकास अजमेरा, अर्पित जैन,अजय जैन,राजेन्द्र गोधा, अंकित जैन सहित अनेक गणमान्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने आचार्य श्री से व्यक्तिगत रूप से आशीर्वाद प्राप्त किया।
29 वर्षों बाद पुनः मिलेगा कोटा को यह पावन अवसर
चेतन कुमार सर्राफ ने बताया कि आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज ने 29 वर्ष पूर्व 1996 में रामपुरा जैन मंदिर, कोटा में चातुर्मास संपन्न किया था। अब 29 वर्षों बाद पुनः जुलाई माह में कोटा की पावन भूमि को यह सौभाग्य प्राप्त हो रहा है, जब आचार्य श्री अपने चरणों से कोटा को पुनः तपोभूमि बनाएंगे। इस चातुर्मास मे संसघ नौ संत का संघ साथ रहेगा।