Written by : Sanjay kumar
कोटा, 26 मई 2025 ।नगर निगम कोटा दक्षिण के समस्त कांग्रेस समर्थित पार्षद एकजुट होकर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत उपमहापौर पवन मीणा के नेतृत्व में नगर निगम कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनका उद्देश्य निगम प्रशासन की अव्यवस्थाओं, पक्षपातपूर्ण रवैये और जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर आयुक्त को ज्ञापन सौंपना था।
लेकिन समस्त पार्षदों की उपस्थिति के बावजूद नगर निगम आयुक्त का कार्यालय में न होना एक गंभीर और खेदजनक स्थिति बन गई। कई बार फोन पर सूचना देने के बावजूद न तो आयुक्त स्वयं उपस्थित हुए और न ही किसी अधिकारी को प्रतिनिधि के रूप में भेजा गया। यह रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों, जनप्रतिनिधियों की गरिमा और जनता की अपेक्षाओं का सीधा अपमान है।
इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कांग्रेस पार्षदों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि विरोध स्वरूप ज्ञापन की प्रति आयुक्त की कुर्सी पर चिपकाई जाएगी। यह प्रतीकात्मक विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया गया, जो प्रशासन की गैरजवाबदेही और सत्ता के दुरुपयोग की ओर स्पष्ट संकेत करता है।
उपमहापौर पवन मीणा ने इस दौरान कहा:
“जब सरकारी दफ्तरों में जिम्मेदार अधिकारी निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होते, तो यह न केवल जनता की समस्याओं से मुँह मोड़ने जैसा है, बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है। आयुक्त की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि भाजपा सरकार के इशारों पर कांग्रेस पार्षदों को योजनाबद्ध रूप से नजरअंदाज किया जा रहा है। हम इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।”
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख कांग्रेस पार्षद थे:
इसरार मोहम्मद, मोहन नंदवाना, अनुराग गौतम, आसिफ़ मिर्ज़ा, सोनू अब्बासी, दीपक कुमार, इरफान घोषी, कुलदीप प्रजापति, देवेश तिवारी, सुमन पेसवानी, ऐश्वर्या शिरंगी, बादशाह भाई, शालिनी गौतम, कपिल शर्मा, सलीना शेरी, मनोज गुप्ता, शीला पाठक, पिंकी प्रजापति, इरफान, साहिब हुसैन।
सभी पार्षदों ने एकमत से चेतावनी दी कि यदि निगम प्रशासन शीघ्र संवाद और समाधान की दिशा में सार्थक पहल नहीं करता है, तो आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।