Written by : प्रमुख संवाद
किसानों से सीधा संवाद, समस्याएं सुनीं, समाधान के दिए निर्देश
कोटा, 1 जून 2025 —
राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की अध्यक्षता में रविवार को कोटा के राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान (SIAM) के ऑडिटोरियम में “युवा कृषक संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लगभग पांच घंटे तक चले इस संवाद कार्यक्रम में कोटा संभाग के चारों जिलों – कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ से आए सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।


इस संवाद के दौरान कृषि मंत्री ने किसानों से सीधे रूबरू होकर उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने किसानों को नवीन कृषि तकनीकों, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया, ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों ने अपने कृषि अनुभव साझा किए और व्यावहारिक समस्याओं को रखा। अन्य किसानों ने योजनाओं की प्रक्रिया संबंधी अड़चनों के बारे में बताया, जिस पर मंत्री ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए त्वरित समाधान का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां:
- योजनाओं की प्रस्तुति: कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई।
- नई तकनीक की जानकारी: जयपुर से आए विशेषज्ञों ने कृत्रिम वर्षा (Artificial Rain) में उपयोग हो रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक की जानकारी दी।
- सम्मान एवं प्रोत्साहन: राज्य स्तर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रगतिशील किसानों एवं योजनाओं के लाभार्थियों को सब्सिडी के चेक वितरित किए गए।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति:
कार्यक्रम में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, ऑयल इंडिया के स्वतंत्र निदेशक मोतीलाल मीणा, कृषि विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति डॉ. ए. के. व्यास, लाडपुरा प्रधान हेमंत यादव, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह सहित कोटा संभाग के चारों जिलों के कृषि विभाग के अधिकारी एवं किसान बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
कृषि मंत्री डॉ. मीणा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना नहीं, तीन गुना करना है, और इसके लिए आवश्यक संसाधन, तकनीक एवं समर्थन सरकार द्वारा लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है।
“युवा कृषक संवाद” कार्यक्रम ने किसानों और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित कर एक सकारात्मक वातावरण बनाया। किसानों ने जहां खुले दिल से अपनी बात रखी, वहीं प्रशासन ने समाधान की दिशा में ठोस पहल की। कृषि मंत्री ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि ऐसे संवाद नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि कृषि क्षेत्र में व्यवहारिक सुधार और प्रगति हो सके।