Written by : प्रमुख संवाद
भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने किया सामूहिक संकल्प का आयोजन, चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान
कोटा, 14 जुलाई। सावन के पहले सोमवार को भारत-तिब्बत सहयोग मंच द्वारा नेहरू नगर स्थित श्री रंगेश्वरनाथ महादेव मंदिर में “श्रावण संकल्प अभियान” का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर चीन के अवैध कब्जे से भगवान शिव के पवित्र धाम कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए सामूहिक संकल्प लिया गया।
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कार्यक्रम में मंच के चित्तौड़ प्रांत महामंत्री अरविंद सिसोदिया ने कहा, “कैलाश मानसरोवर अनादिकाल से भगवान शिव का निवास स्थल है। चीन का इस पावन भूमि पर किया गया कब्जा न केवल अवैध है, बल्कि सनातन संस्कृति पर आघात भी है। इसे मुक्त कराना प्रत्येक श्रद्धालु और राष्ट्रभक्त का नैतिक कर्तव्य है। हमें पूर्ण विश्वास है कि वह दिन अवश्य आएगा जब कैलाश पुनः भारतीय आधिपत्य में होगा और श्रद्धालु वहाँ निर्बाध दर्शन कर सकेंगे।”
उन्होंने बताया कि मंच द्वारा सावन मास भर चलाए जाने वाले श्रावण संकल्प अभियान के अंतर्गत विभिन्न मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनजागरण एवं सामाजिक चेतना जागृति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मंदिर परिसर में उपस्थित भक्तजनों ने मंच द्वारा प्रस्तुत संकल्प वाक्य को दोहराते हुए कहा—
“मैं, सावन मास में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करते हुए संकल्प लेता हूँ कि कैलाश मानसरोवर को चीन के अवैध कब्जे से मुक्त कराने हेतु यथाशक्ति प्रयास करूँगा। इस पवित्र कार्य में हर संभव सहयोग प्रदान करूँगा। भगवान शंकर मुझे इस संकल्प को पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करें।”
मंच ने इस अवसर पर चीनी वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार का भी आह्वान करते हुए कहा कि, “जो देश भगवान शिव के पवित्र निवास पर जबरन कब्जा किए बैठा है, उसकी वस्तुओं का बहिष्कार कर हम अपनी आस्था, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का परिचय दें।”
कार्यक्रम में मंच के जिला पदाधिकारी नरेंद्र कुमार जादौन, अशोक माचल, पुरुषोत्तम दाधीच, हुकूमत सिंह झाला, ओम प्रकाश मेहरा, अमन थनवाल, योगेंद्रपाल सिंह भरत, निर्मल कुमार सहित बड़ी संख्या में माताएं, बहनें और भक्तगण उपस्थित रहे।