Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 12 जून। अहमदाबाद में हुए हृदय विदारक विमान दुर्घटना में बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों की असमय मृत्यु पर प्रेस क्लब कोटा एवं जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार), कोटा इकाई ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रेस क्लब कोटा अध्यक्ष गजेंद्र व्यास, सचिव जितेन्द्र कुमार शर्मा, जार कोटा अध्यक्ष संजय कुमार चौबीसा, जार प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रेस क्लब कार्यकारिणी सदस्य यतीश व्यास, प्रेस क्लब सह सचिव गिरीश गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह हाड़ा, कोषाध्यक्ष रघुवीर कपूर ‘शम्मी’, संरक्षक संजीव सक्सेना, कार्यकारिणी सदस्य रमेश चंद्र गौतम, अनिल देवलिया, योगेन्द्र योगी, विशाल उपाध्याय, प्रदीप तिवारी ‘अंशु’, सुनील टंडन,, विक्रम सिंह चौहान, दुष्यंत सिंह गहलोत, अजय गौड़ पंडित, सुनील गुप्ता ‘पोकरा’, अमित सिंह, शिवानी यादव, पवन भटनागर, मुरली मनोहर शर्मा एवं नीरज राजावत सहित सभी सदस्यों ने इस भीषण दुर्घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगतों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
प्रेस क्लब अध्यक्ष गजेंद्र व्यास ने हादसे को बेहद गंभीर और विचलित करने वाली त्रासदी बताते हुए कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इस दुर्घटना में कुछ डॉक्टरों की भी मृत्यु हुई है, जो उस समय हॉस्टल में लंच कर रहे थे। देशसेवा और मानव सेवा की भावना से चिकित्सक बनने की तैयारी कर रहे इन युवाओं की असमय मौत अपूरणीय क्षति है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा संचालित ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के कारण देश की सामरिक स्थिति संवेदनशील बनी हुई है, अतः इस दुर्घटना की साजिश की दृष्टि से भी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
जार कोटा अध्यक्ष संजय कुमार चौबीसा ने कहा, “यह हादसा केवल एक तकनीकी चूक नहीं बल्कि राष्ट्र को हिला देने वाला मानवीय संकट है। इस दुर्घटना में देश के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे नागरिकों और भावी चिकित्सकों की मौत ने समाज को स्तब्ध कर दिया है। हम सभी पत्रकार साथियों की ओर से दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि शोक संतप्त परिवारों को यह असीम पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करें। साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि इस हादसे की प्रत्येक संभावित दृष्टिकोण से जांच कर जिम्मेदार तत्वों को बेनकाब किया जाए।”
दोनों संगठनों ने एक स्वर में केंद्र व राज्य सरकार से मांग की कि दुर्घटना के सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच करवाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।