Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 12 दिसम्बर।
समाज में अपनी अनूठी पहचान के साथ रह रहे मंगलमुखी किन्नर समुदाय ने एक बार फिर मानवता और सामाजिक सरोकारों की मिसाल पेश की है। नारी निकेतन में 11 दिसम्बर को सम्पन्न हुए रीना और धर्मराज के विवाह में मंगलमुखी समुदाय ने न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, बल्कि इस पवित्र संस्कार को यादगार बनाने के लिए हृदय से योगदान दिया।
मंगलमुखी किन्नर प्रमुख नैना देवी ने बताया कि आमतौर पर किन्नर समुदाय को शगुन मांगने वालों के रूप में देखा जाता है, लेकिन समाज में सकारात्मक संदेश देने और मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के उद्देश्य से इस विवाह में विशेष पहल की गई। नया कोटा किन्नर प्रमुख रीना दीदी, डीसीएम क्षेत्र प्रमुख मनीषा बाई और उनके समूहों ने मिलकर 300 से अधिक नागरिकों के लिए सामूहिक बफर डिनर की व्यवस्था की।
इसके साथ ही वधु रीना को मंगलमुखी समुदाय की ओर से स्वर्ण एवं रजत उपहार सहित सोने की अंगूठी भेंट करते हुए मंगल आशीष प्रदान किया गया। नैना देवी ने कहा कि “हम केवल आशीर्वाद लेने वाले नहीं, बल्कि समाज के बीच प्रेम, सम्मान और सद्भाव का संदेश देने वाले हैं। हमारे हर कदम का उद्देश्य है—समाज की हर बेटी को सुरक्षित, सम्मानित और समर्थ देखना।”
इस अवसर पर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की संयुक्त निदेशक सविता कृष्णेया एवं नारी निकेतन की अधीक्षक अंशुल मेहंदीरत्ता द्वारा नया कोटा, डीसीएम और मंगलमुखी किन्नर प्रमुखों का साफा, दुपट्टा और मोतियों की माला पहनाकर सम्मान किया गया तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि नारी निकेतन की रीना पिछले 13 वर्षों से संस्थान में रह रही थीं और इस विवाह में सहयोग हेतु उन्होंने जब किन्नर समुदाय से अनुरोध किया, तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर मानवता की सर्वोच्च मिसाल पेश की। इससे पूर्व भी नारी निकेतन की तीन अन्य बालिकाओं के विवाह में मंगलमुखी प्रमुखों ने इसी प्रकार का सहयोग प्रदान किया है।
नैना देवी ने कहा कि “हम समाज से अलग नहीं हैं, समाज हमारे साथ है तो हम भी समाज के साथ हर पल खड़े रहने को तैयार हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर बेटी के विवाह में मुस्कान, हर परिवार में शांति और हर हृदय में मानवता की लौ जलती रहे।”
