माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, कोटा में NCF-FS/SE पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा.24 जून। माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, श्रीनाथपूरम सेक्टर-ए, में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) उत्कृष्टता केंद्र, अजमेर द्वारा ‘नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क – फाउंडेशनल स्टेज / स्कूल एजुकेशन (NCF-FS/SE)’ विषय पर दो दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक और स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार लाना तथा शिक्षकों को नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के अनुरूप सशक्त बनाना था।

कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ श्री माहेश्वरी समाज कोटा के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला, प्रशिक्षकों सीमा शर्मा व भावना चौधरी, तथा प्राचार्य अमित कुमार शर्मा द्वारा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
इस अवसर पर, माहेश्वरी समाज कोटा के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने अपने उद्बोधन में कहा, “यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि माहेश्वरी पब्लिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम परिवर्तनों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। NCF-FS/SE केवल एक पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को आकार देने वाला एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है। यह कार्यशाला शिक्षकों को इस महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगी।”

प्रशिक्षक सीमा शर्मा और भावना चौधरी ने सत्र के दौरान NCF-FS/SE के गहन उद्देश्यों और शिक्षा के क्षेत्र में इसके व्यावहारिक उपयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विभिन्न संवादात्मक गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों को यह समझाया कि किस प्रकार बुनियादी स्तर (3 से 8 वर्ष के बच्चों के लिए NCF-FS) और स्कूली शिक्षा (कक्षा 1 से 12 तक के लिए NCF-SE) को अधिक समावेशी, आनंददायक और बाल-केंद्रित बनाया जा सकता है, ताकि छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित हो सके।

प्राचार्य अमित कुमार शर्मा ने इस अवसर पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के मूलभूत महत्व पर जोर देते हुए कहा, “राष्ट्रीय पाठ्यचर्या शिक्षकों को शिक्षा परिवर्तन के केंद्र में रखती है। शिक्षक केवल ज्ञान प्रदान करने वाले नहीं होते, बल्कि वे बच्चों के मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और सामाजिक बदलाव के सच्चे संवाहक भी हैं। बच्चों में जिज्ञासा और रचनात्मकता के विकास के साथ-साथ शिक्षा की समग्र गुणवत्ता और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका निर्णायक है।”

कार्यशाला के सफल समापन पर, उपप्राचार्या भक्ति निगम ने सभी उपस्थितजनों, प्रशिक्षकों और आयोजक टीम का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया। यह कार्यशाला निश्चित रूप से शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के तहत आने वाले महत्वपूर्ण बदलावों को समझने और उन्हें अपनी कक्षाओं में प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक सिद्ध होगी

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