Written by : Sanjay kumar
जयपुर, 2 दिसंबर।
राजस्थान की राजनीति में सोमवार से ही सियासी तापमान तेजी से बढ़ा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा पिछले कुछ दिनों में किए गए लगातार दिल्ली दौरे और इसके तुरंत बाद मंगलवार को जयपुर में कैबिनेट एवं मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठकों के लिए आमंत्रण जारी होने से राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें फिर से जोर पकड़ चुकी हैं। सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के बावजूद अब तक विस्तार न होने से राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान एक बार फिर मुख्यमंत्री के दिल्ली मिशन पर केंद्रित है।
प्रधानमंत्री से लंबी मुलाकात, सरकार का ‘टू-ईयर रिपोर्ट कार्ड’ सौंपा
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों, फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति और विभागवार प्रदर्शन का संपूर्ण रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने आगामी प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया, जिसे सरकार वैश्विक स्तर पर राजस्थानियों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच मानती है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पचपदरा रिफाइनरी प्रोजेक्ट की अद्यतन स्थिति से भी अवगत कराया और इस परियोजना को जल्द शुरू कराने में केंद्र का सहयोग मांगा। रिफाइनरी को राजस्थान की औद्योगिक संरचना को बदलने वाली प्रमुख परियोजनाओं में गिना जाता है।
गृह मंत्री अमित शाह से भी विचार-विमर्श
राजधानी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी हुई। दोनों नेताओं के बीच संगठनात्मक मुद्दों, सुशासन मॉडल, प्रदेश के राजनीतिक समीकरण और केंद्र–राज्य समन्वय को लेकर विस्तृत चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। हाल के दिनों में प्रदेश की प्रशासनिक गतिविधियों में तेजी और सरकारी ढांचे को सुदृढ़ करने की कोशिशों के संदर्भ में यह मुलाकात अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जयपुर में कल कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की अहम बैठकें
दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद मंगलवार, 3 दिसंबर को जयपुर में बुलाए गए कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठकें राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, इन बैठकों में निम्न मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा और निर्णय लिए जा सकते हैं—
- पचपदरा रिफाइनरी प्रोजेक्ट की प्रगति
- प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन की तैयारियाँ
- केंद्र–राज्य संयुक्त योजनाओं की समीक्षा
- आगामी बजट से जुड़े प्रस्ताव
- निवेश, उद्योग और व्यापार सुधारों को आगे बढ़ाने वाले एजेंडे
हालांकि सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार पर औपचारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन बैठक के समय और दिल्ली दौरे के क्रम को देखते हुए राजनीतिक हलकों में इसे एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में लिया जा रहा है।
विस्तार या फेरबदल को लेकर बढ़ी उम्मीदें
राजस्थान में भजनलाल सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने वाले हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल की संभावना पर चर्चाएँ तेज हैं। पार्टी सूत्रों का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह दिल्ली दौरा आने वाले दिनों में बड़े और प्रभावी प्रशासनिक बदलावों की भूमिका तय कर सकता है।
प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों और लगातार सक्रिय हो रहे शासन तंत्र को देखते हुए माना जा रहा है कि मंगलवार की बैठकें नीतिगत दृष्टि से निर्णायक साबित हो सकती हैं।
