Written by : Sanjay kumar
जयपुर, 3 दिसंबर — मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक ने प्रदेश में सुशासन, आर्थिक प्रगति और नागरिक सुविधाओं के विस्तार की दिशा में कई अहम नीतिगत फैसलों को मंजूरी दी। बैठक के दौरान राज्य में प्रवासी राजस्थानियों के लिए निवेश-अनुकूल वातावरण तैयार करने, छोटे व्यापारियों और एमएसएमई क्षेत्र को नई ऊर्जा देने, पर्यटन निवेश को गति देने तथा जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की गई।
ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
मंत्रिमंडल ने राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश-2025 को मंजूरी देते हुए 11 विभिन्न अधिनियमों में मामूली तकनीकी उल्लंघनों पर लागू कारावास की सजा को हटाकर उसके स्थान पर अर्थदंड का प्रावधान करने का निर्णय लिया।
इस संशोधन से—
- अनावश्यक कानूनी जटिलताओं में कमी आएगी,
- छोटे व्यापारी, आम नागरिक और उद्यमी राहत महसूस करेंगे,
- वाद-प्रकरणों में भारी कमी आएगी,
- और राज्य में व्यवसायिक माहौल और अधिक अनुकूल बनेगा।
इस कदम से वन भूमि में मवेशी चराने, जल-दुरुपयोग, दस्तावेजों के निरीक्षण में त्रुटियां आदि जैसे प्रक्रियात्मक मामलों को अपराध के दायरे से बाहर रखते हुए उन्हें केवल जुर्माने योग्य श्रेणी में बदला गया है।
प्रवासी राजस्थानियों के लिए नई एनआरआर पॉलिसी 2025
मंत्रिमंडल ने नॉन-रेजिडेंट राजस्थानी (एनआरआर) पॉलिसी-2025 को स्वीकृति प्रदान की, जिसका उद्देश्य विश्वभर में बसे प्रवासी राजस्थानियों के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करना है।
नई नीति के जरिये—
- एनआरआर इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन सेल का गठन किया जाएगा,
- निवेश प्रस्तावों की निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई के लिए लायजन अधिकारी नियुक्त होंगे,
- राजस्थान फाउंडेशन चैप्टर्स के माध्यम से इन्वेस्टमेंट कॉर्डिनेटर्स की नियुक्ति होगी,
- सेक्टर-वार निवेश रोडमैप और नीतिगत सुझावों के लिए एनआरआर इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी काउंसिल बनाई जाएगी।
यह नीति राज्य में प्रवासी निवेश, ज्ञान-साझेदारी और नवाचार को नई दिशा देगी।
खुदरा और थोक व्यापार के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025
कैबिनेट ने खुदरा एवं थोक व्यापार को आधुनिक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप विकसित करने के उद्देश्य से राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी।
नीति की प्रमुख विशेषताएँ—
- 10.5 लाख से अधिक रिटेल स्टोर्स को आधुनिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे अवसर मिलेंगे,
- छोटे व्यापारियों को वित्त, बाजार और लॉजिस्टिक सुविधाओं तक आसान पहुंच मिलेगी,
- एमएसएमई आधारित व्यापारिक इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा,
- रोजगार सृजन और व्यापारिक आधारभूत ढांचे का विस्तार होगा।
पर्यटन क्षेत्र में बड़े बदलाव — राजस्थान पर्यटन नीति-2025
नई राजस्थान पर्यटन नीति-2025 को मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलने के साथ ही पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश के लिए व्यापक अवसर खुलेंगे।
नीति में शामिल प्रमुख बिंदु—
- पर्यटन अवसंरचना का विकास,
- धार्मिक पर्यटन मार्गों का विस्तार,
- वाइल्डलाइफ, धार्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों के आसपास पर्यटन हब,
- शौर्य सर्किट, बर्ड-वॉचिंग सर्किट, प्रोजेक्शन मैपिंग और लाइट-साउंड शो की शुरुआत,
- प्रीपेड टैक्सी बूथ और ई-व्हीकल टूर की सुविधा,
- राजस्थान ट्रैवल कार्ड, होम-स्टे और पेइंग गेस्ट सुविधाओं को बढ़ावा।
यह नीति राजस्थान को एक ग्लोबल पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
किशनगढ़ हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि आवंटन
कैबिनेट ने किशनगढ़ एयरपोर्ट को 15 एकड़ अतिरिक्त भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इससे आधुनिक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम स्थापित किया जा सकेगा, जिसके माध्यम से कोहरे और रात में सुरक्षित हवाई संचालन संभव होगा।
अनुकम्पात्मक नियुक्ति की सीमा बढ़ी, आरक्षित सूची में बड़ा सुधार
- सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों के लिए अनुकम्पात्मक नियुक्ति के आवेदन की समय सीमा 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी गई है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं की आरक्षित सूची अब 6 माह के बजाय 1 वर्ष तक मान्य रहेगी, जिससे अधिक अभ्यर्थियों को अवसर मिल सकेगा।
इसके साथ ही सशस्त्र बलों, पैरा मिलिट्री, कोविड-प्रभावित आश्रितों और उत्तराखंड त्रासदी-2013 से जुड़े पात्र आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति संबंधी पुराने प्रावधानों को भी सेवा नियमों में सम्मिलित किया गया है।
मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती योग्यता में संशोधन
अब मोटर वाहन उप निरीक्षक (एमवीआई) पद के लिए उच्चतर तकनीकी योग्यता वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे।
एक वर्षीय अनुभव और परिवहन यान श्रेणी लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे अध्ययन पूरा करते ही युवा आवेदन के पात्र होंगे।
विभागीय पदोन्नति समिति के गठन का मार्ग प्रशस्त
राजस्थान मूल्यांकन सेवा नियम, 1979 में संशोधन के बाद विभागीय पदोन्नति समिति की लंबित बैठकें अब आयोजित की जा सकेंगी, जिससे पदोन्नति संबंधी प्रक्रियाएँ समयबद्ध रूप से आगे बढ़ेंगी।
