“भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत आगमन, प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट पर किया स्वागत”

Written by : Sanjay kumar


दिनांक: 04 दिसंबर 2025
स्थान: नई दिल्ली

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय दौरे पर आज शाम नई दिल्ली पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पर स्वयं उपस्थित होकर राष्ट्रपति पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। आगमन के तुरंत बाद दोनों नेता एयरपोर्ट से एक ही वाहन से सीधे प्रधानमंत्री आवास, लोक कल्याण मार्ग के लिए रवाना हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक संदेश में कहा —
“मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करके प्रसन्नता हुई। आज और कल होने वाली विस्तृत बातचीत का मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।”


आगमन से प्रधानमंत्री आवास तक — संपूर्ण घटनाक्रम

  1. शाम को विशेष विमान पालम एयरबेस पर उतरा।
  2. पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर गले लगाकर स्वागत किया, जो दोनों देशों के व्यक्तिगत और रणनीतिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।
  3. एयरपोर्ट परिसर में रूसी प्रतिनिधिमंडल का औपचारिक स्वागत, गार्ड ऑफ ऑनर और सम्मानानुसार प्रोटोकॉल पूरा किया गया।
  4. दोनों नेता एक ही कार से प्रधानमंत्री आवास पहुँचे, जहाँ निजी डिनर का आयोजन किया गया।
  5. डिनर के दौरान मौजूदा वैश्विक स्थिति, भारत-रूस रक्षा सहयोग, उर्जा सुरक्षा, व्यापारिक समझौते और टेक्नोलॉजी साझेदारी पर प्रारंभिक चर्चा हुई।
  6. अगले दिन राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत समारोह और उसके बाद वार्षिक भारत-रूस शीर्ष नेतृत्व बैठक (Summit) निर्धारित है।

भारत-रूस बैठक में प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा संभावित

1. रक्षा सहयोग

  • S-400 प्रणाली की शेष आपूर्ति और टेक्निकल सपोर्ट
  • ब्रह्मोस मिसाइल के संयुक्त उत्पादन का विस्तार
  • भारत के लिए नए जॉइंट डिफेंस प्लेटफॉर्म की संभावनाएँ
  • स्पेयर-पार्ट, लॉजिस्टिक चैन और सर्विस-मेंटेनेंस को सरल करना

2. ऊर्जा और कच्चे तेल के समझौते

  • रूस से दीर्घकालिक कच्चा तेल और गैस आपूर्ति
  • रिफाइनरी सहयोग और ऊर्जा भंडारण
  • परमाणु ऊर्जा (न्यूक्लियर रिएक्टर) में साझेदारी का विस्तार

3. व्यापार और निवेश

  • द्विपक्षीय व्यापार को तेज़ी से बढ़ाने के लिए नई व्यवस्था
  • भारत-रूस भुगतान प्रणाली को सरल बनाना
  • 2030 तक व्यापार को नई ऊँचाई देने का लक्ष्य
  • फार्मा, केमिकल, स्टील, इंफ्रास्ट्रक्चर और आईटी सेवाओं में निवेश

4. विज्ञान, अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी

  • उपग्रह लॉन्चिंग और स्पेस मिशन में साझेदारी
  • अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
  • साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग

5. शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क

  • छात्र एक्सचेंज कार्यक्रम
  • मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन में संयुक्त परियोजनाएँ
  • पर्यटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा

भारत को संभावित लाभ

  • ऊर्जा सुरक्षा में स्थिरता — सस्ते और लगातार उपलब्ध तेल/गैस
  • रक्षा क्षमताओं में मजबूती — अत्याधुनिक सिस्टम और दीर्घकालिक टेक्निकल सपोर्ट
  • निवेश और नौकरी के अवसर — संयुक्त परियोजनाएँ और औद्योगिक कोऑपरेशन
  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर — स्पेस, परमाणु ऊर्जा और साइबर क्षेत्रों में नई प्रगति
  • वैश्विक कूटनीतिक संतुलन — भारत की स्वतंत्र विदेश नीति का और सुदृढ़ होना

रूस का उद्देश्य

  • एशिया में अपने प्रमुख साझेदार भारत के साथ रणनीतिक व आर्थिक संबंधों को और गहरा करना
  • वैश्विक परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच भरोसेमंद सहयोग प्रणाली को मजबूत करना
  • रक्षा-ऊर्जा व्यापार में स्थायी और दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करना

समापन

राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा भारत-रूस संबंधों के 25 वर्ष पूरे होने के समय हो रहा है।
यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक, रक्षा और ऊर्जा सहयोग को नए स्तर पर ले जाने का अवसर प्रदान करती है। निजी डिनर से लेकर औपचारिक वार्ता तक, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात आने वाले वर्षों के लिए मजबूत मार्ग तय कर सकती है।


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