नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों की अनदेखी पर फूटा आक्रोश, नगरीय विकास मंत्री से करेंगे सीधी शिकायत

Written by : प्रमुख संवाद


कोटा, 25 जून 2025

नगर निगम कोटा दक्षिण के कांग्रेस समर्थित पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन की लगातार अनदेखी और भेदभावपूर्ण रवैये के खिलाफ सामूहिक आक्रोश व्यक्त करते हुए नगरीय विकास मंत्री जब्बर सिंह खरा से सीधी मुलाकात का निर्णय लिया है। पार्षदों का कहना है कि वे पिछले कई महीनों से जनहित के मुद्दों को लगातार उठा रहे हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।

आज नगर निगम कार्यालय में एक बार फिर पार्षदों ने समस्याओं को लेकर प्रयास किया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इस रवैये से नाराज़ कांग्रेस पार्षदों ने बैठक कर तय किया कि अब वे नगरीय विकास मंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे और नगर निगम की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली की शिकायत दर्ज कराएंगे।

विरोध के प्रमुख कारण:

  1. कांग्रेस समर्थित वार्डों में एक-एक करोड़ रुपये के टेंडरों के वर्क ऑर्डर जानबूझकर लंबित रखे गए हैं, जबकि पूरी टेंडर प्रक्रिया पूर्व में ही पूर्ण हो चुकी है।
  2. भाजपा समर्थित वार्डों में कार्यों की तीव्र गति, जबकि कांग्रेस पार्षदों के वार्ड विकास से वंचित।
  3. कांग्रेस पार्षदों के परिजनों और प्रतिष्ठानों को प्रशासनिक कार्यवाहियों के जरिए मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
  4. सफाईकर्मियों के मनमाने तबादलों से कांग्रेस वार्डों की सफाई व्यवस्था प्रभावित की जा रही है।
  5. कई बार बैठकें बुलाने व ज्ञापन देने के बावजूद निगम आयुक्त और प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिल रही।

यह निर्णय नगर निगम कोटा दक्षिण कार्यालय में आयोजित एक विशेष बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमहापौर पवन मीणा ने की। बैठक में सभी कांग्रेस पार्षदों ने मंत्री से मुलाकात की सहमति जताई और अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की।

बैठक में उपस्थित पार्षद:

इसरार मोहम्मद, शालिनी गौतम, ऐश्वर्या शिरंगी, सोनू अब्बासी, मोहनलाल नंदवाना, दीपक वर्मा, सोनू भील, सलीना शेरानी, साहिब हुसैन, बादशाह भाई, तबस्सुम मिर्जा, धनराज चेची, अनुराग गौतम, इरफान घोसी, समा मिर्जा, पिंकी प्रजापति, इति शर्मा।

उपमहापौर पवन मीणा ने कहा:

“नगर निगम की यह भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली केवल कांग्रेस पार्षदों के प्रति नहीं, बल्कि हमारे वार्डवासियों के साथ सीधा अन्याय है। जब बात जनता के हक की हो, तो हम चुप नहीं बैठ सकते। अब हम सरकार के मंत्री से सीधे संवाद करेंगे ताकि इस अन्याय का जवाब मिल सके।”


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