Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 26 जून 2025।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कोटा महानगर द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि देने हेतु मंगलवार शाम को एक भव्य मशाल यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा में संघर्ष करने वाले वीर सेनानियों की स्मृति को समर्पित रही।


इस अवसर पर एबीवीपी कोटा महानगर मंत्री दीप्ति मेवाड़ा ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में लगाया गया आपातकाल इंदिरा गांधी सरकार द्वारा सत्ता बचाने के लिए उठाया गया तानाशाही कदम था। यह निर्णय देशहित में नहीं, बल्कि व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया था। इस दौरान हजारों निर्दोष नागरिकों को जेलों में बंद किया गया, उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं, प्रेस की आज़ादी को कुचला गया और लोकतंत्र को कुचलने का कुत्सित प्रयास किया गया। उन्हीं यातनाएं सहन करने वाले सच्चे देशभक्तों की स्मृति में यह मशाल यात्रा निकाली गई है।
मशाल यात्रा का नेतृत्व चित्तौड़ प्रांत की प्रांत सह मंत्री चेतना पांचाल ने किया। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की रात 12 बजकर 45 मिनट पर जब आपातकाल की घोषणा की गई, तब भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय लिखा गया। आज जो लोग संविधान की रक्षा का दिखावा कर रहे हैं, उन्हें उस रात को याद करना चाहिए जब बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान को दरकिनार करते हुए प्रेस, न्यायपालिका और आम नागरिकों की स्वतंत्रता को कुचला गया।
चेतना पांचाल ने आगे कहा कि आज के दिन हम उन सभी लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने निडर होकर इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई, जेलों में अमानवीय यातनाएं सही, लेकिन लोकतंत्र के मूल्यों से समझौता नहीं किया।
एबीवीपी द्वारा आयोजित यह मशाल यात्रा न केवल इतिहास को याद करने का एक प्रयास है, बल्कि युवाओं को यह संदेश देने का भी माध्यम है कि लोकतंत्र की रक्षा करना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। कोटा ही नहीं, बल्कि देशभर के विभिन्न शहरों में आज इस काले दिन को याद करते हुए अभाविप ने मशाल यात्राएं आयोजित कीं।