Written by : प्रमुख संवाद
राज्य सरकार की निष्क्रियता से लाखों कर्मचारियों-पेंशनर्स के इलाज पर मंडराया खतरा
कोटा, 11 जुलाई।
राज्य सरकार की लापरवाही के चलते राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (RGHS) के अस्तित्व पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। प्रदेशभर के निजी अस्पतालों की यूनियन RAHA ने अखबारों में विज्ञापन जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार ने 980 करोड़ रुपये का लंबित भुगतान नहीं किया, तो वे 15 जुलाई से RGHS योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर देंगे।

इस गंभीर स्थिति को लेकर चिकित्सा कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। कोटा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुपस्थिति में यह ज्ञापन उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री सुधीर श्रंगो को सौंपा गया।
चिकित्सा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीपक वर्मा ने कहा कि यह पूरे प्रकरण भाजपा सरकार की प्रशासनिक असफलता और वित्तीय कुप्रबंधन का स्पष्ट प्रमाण है। राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन से हर माह RGHS योजना के लिए कटौती की जाती है, लेकिन उसका भुगतान न अस्पतालों को किया जा रहा है, न ही दवा विक्रेताओं को। उन्होंने कहा कि यह न केवल कर्मचारियों-पेंशनर्स के स्वास्थ्य अधिकारों के साथ अन्याय है, बल्कि उनके परिवारों को गहरी स्वास्थ्य संकट में धकेलने जैसा अमानवीय निर्णय भी है।
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दीपक वर्मा ने सरकार से आग्रह किया कि वह तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करे, बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करे और योजना को पटरी पर लाए। उन्होंने चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया तो लाखों कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिजनों का उपचार रुक जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान चिकित्सा कांग्रेस प्रकोष्ठ के प्रमुख सदस्य ललित जैन, पुरुषोत्तम सोनी, विकास सक्सेना, ईमरान खान, महावीर सिंह, धर्मेंद्र सेन, गर्वित विजय, विनत पालीवाल, अभिनव पारीक और हेमंत धारवाल सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।