Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 11 जुलाई।
विद्या भारती शिक्षण संस्थान देश के सुदूर, जनजातीय और सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाने का निरंतर कार्य कर रहा है। यह संस्था न केवल शिक्षा बल्कि संस्कार, खेलकूद और राष्ट्रभक्ति का संगम बन चुकी है। वर्तमान में देशभर में संचालित विद्या भारती के 12,000 विद्यालयों में 35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जो सरकारी शिक्षा व्यवस्था के बाद भारत का सबसे बड़ा शिक्षा नेटवर्क है। यह जानकारी विद्या भारती के प्रांत सह मंत्री डॉ. विमल कुमार जैन ने एक संवाद में दी।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के आदिवासी बहुल जिलों — उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ — में 800 एकल विद्यालयों के माध्यम से बालक-बालिकाओं को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। ये विद्यालय उन दुर्गम इलाकों में संचालित हैं, जहां अब तक परंपरागत शिक्षा संस्थानों की पहुंच नहीं थी।
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कोटा जिला सचिव सतीश कुमार गौतम ने बताया कि जिले में 20 संस्कार केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, जहां शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और व्यवहारिक जीवन के गुणों का भी समावेश किया जाता है। इन केन्द्रों में रोजगारपरक शिक्षा पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।
जिला मंत्री देवेंद्र कुमार जैन ने कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम आधारित पढ़ाई नहीं है, बल्कि विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। यहां से निकले कई विद्यार्थी खेलों में राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं। हाल ही में कोटा के छावनी विद्यालय के छात्र रौनक राठौर ने राष्ट्रीय मलखंब प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त कर संस्था को गौरवान्वित किया है।
जिला सहसचिव डॉ. महेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान संस्था ने 21 जरूरतमंद बच्चों को गोद लेकर उन्हें निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई, जो आज भी जारी है। इसके अतिरिक्त घुमंतू जनजातियों के 400 से अधिक बच्चों को रियायती दरों पर शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षा का समावेश कर समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
डॉ. जैन ने यह भी बताया कि संस्था अब राष्ट्र रक्षा शिक्षा की दिशा में भी अग्रसर है। राजस्थान के जोधपुर शहर में एक एनडीए अकैडमी (NDA Academy) की स्थापना की जा चुकी है, जिससे विद्यार्थियों को सैन्य सेवाओं में जाने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा। निकट भविष्य में राज्य के अन्य जिलों में सैनिक स्कूल एवं एनडीए एकेडमी की शुरुआत की जाएगी।
विद्या भारती की यह पहल यह प्रमाणित करती है कि जब समाज का समर्पण, सेवा और संकल्प एक साथ होता है, तो शिक्षा केवल डिग्री नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का सशक्त माध्यम बन जाती है।
