Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 8 सितम्बर। विश्व फिजियोथैरेपी दिवस के अवसर पर गुलाटी फिजियोथैरेपी एंड पेन रिलीफ क्लिनिक, कोटा की ओर से सोमवार को विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 350 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया और उन्हें भविष्य में बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया।

क्लिनिक के डायरेक्टर एवं फाउंडर डॉ. विनय नवीन गुलाटी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “फिजियोथैरेपी सिर्फ उपचार ही नहीं, बल्कि जीवन को फिर से गतिशील बनाने की प्रक्रिया है। यदि ऑपरेशन के बाद फिजियोथैरेपी न हो, तो मरीज स्थायी जटिलताओं से जूझ सकता है। हर विभाग – चाहे न्यूरो, ऑर्थोपेडिक, हृदय या अन्य – का अपना विशिष्ट फिजियोथैरेपी महत्व है।”
डॉ. गुलाटी ने घोषणा की कि आर्थिक रूप से कमजोर और निर्धन मरीजों को आने वाले एक वर्ष तक निःशुल्क या बहुत ही न्यूनतम शुल्क पर सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह कदम समाज सेवा की दिशा में एक संकल्प है, ताकि कोई भी मरीज केवल आर्थिक तंगी की वजह से उपचार से वंचित न रहे।
इस अवसर पर कई ऐसे मरीजों को भी बुलाया गया, जिन्होंने गुलाटी क्लिनिक में उपचार के बाद नया जीवन पाया। बारां निवासी लेखराज पारेता ने भावुक होते हुए बताया – “मैं स्ट्रेचर पर आया था, लेकिन आज दौड़-भाग सकता हूँ, खेल सकता हूँ और सामान्य जीवन जी रहा हूँ। केवल 10 दिनों में मुझे खड़ा कर दिया गया।”
फिजियोथैरेपी की प्रेरणादायक बातें
- फिजियोथैरेपी केवल दर्द से राहत नहीं देती, बल्कि जीवन को फिर से गति और स्वतंत्रता देती है।
- “मूवमेंट ही जीवन है, और फिजियोथैरेपी मूवमेंट को पुनः स्थापित करती है।”
- छोटे-छोटे व्यायाम बड़े बदलाव ला सकते हैं – यही फिजियोथैरेपी का असली संदेश है।
- हर व्यक्ति को समझना चाहिए कि फिजियोथैरेपी न केवल रोगों से बाहर निकलने का जरिया है बल्कि जीवनभर स्वास्थ्य और सक्रियता बनाए रखने की कुंजी भी है।
डॉ. विनय नवीन गुलाटी ने कहा कि आने वाले समय में क्लिनिक समाजहित में और भी कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिससे फिजियोथैरेपी की महत्ता को जन-जन तक पहुँचाया जा सके।
