Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 11 अक्टूबर।
सांगोद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा से जुड़ी अवसंरचना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने विद्यालय भवनों के निर्माण कार्यों की विजिलेंस जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मंत्री नागर ने जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है कि लोक निर्माण विभाग (PWD) को नोडल एजेंसी बनाकर एक विजिलेंस टीम गठित की जाए, जो पिछले वर्षों में हुए सभी स्कूल भवन निर्माण कार्यों की तकनीकी जांच करेगी।
ऊर्जा मंत्री नागर ने शनिवार को सांगोद क्षेत्र के उरना, नरसिंहपुरा, खोदियाखेड़ी, खजूरना, जांगलियाहेड़ी, मोहनपुरा, कोटबावड़ी, बंजारा बस्ती, मंगलपुरा, आवां, किशोरपुरा, लाडपुरा, गुजरियाहेड़ी, जुगलपुरा, गोपालपुरा और सावन-भादो सहित कई गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों की जमीनी स्थिति का निरीक्षण किया और निर्माण की गुणवत्ता पर नाराजगी जताई।
निरीक्षण के दौरान खजूरना गांव के स्कूल में ऊर्जा मंत्री नागर ने पाया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अनुशंसा पर पावर ग्रिड के सीएसआर फंड से 38 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन स्कूल भवन में गंभीर खामियां हैं। पुराने भवन का फर्श एक फीट नीचे धंसा हुआ था और फर्श के नीचे सीमेंट का उपयोग तक नहीं किया गया था। वहीं, नए निर्माण में भी कॉलम की सीसी में गैप और फ्लोर बैठा हुआ पाया गया। मंत्री नागर ने मौके पर ही ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई और निर्माण की जांच के आदेश दिए।
उरना गांव के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पाया कि भवन की छत का हिस्सा गिरा हुआ है, सरिए बाहर निकले हुए हैं और 6 इंच की जगह मात्र 4 इंच की छत डाली गई थी। साथ ही, 12 एमएम की जगह 8 एमएम सरिया का प्रयोग किया गया था। स्थिति इतनी खराब थी कि बच्चे भवन के बाहर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर थे। आंगनबाड़ी भवनों में भी इसी तरह की निर्माण खामियां सामने आईं।
इस दौरान मंत्री नागर को जानकारी मिली कि खजूरना के स्कूल का एक शिक्षक आपदा राहत ड्यूटी के बाद से अब तक विद्यालय नहीं लौटा है। इस पर उन्होंने जिला कलेक्टर को तत्काल फोन कर संबंधित शिक्षक को निलंबित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान प्रधान जयवीर सिंह अमृतकुआं, प्रधान ओम नागर अडूसा, तथा देवली भाजपा मंडल अध्यक्ष विजय शंकर सैनी भी मौजूद रहे। सैनी ने बताया कि ऊर्जा मंत्री नागर रविवार को चडावद, इस्लामनगर, कंधाफल, खेड़ली कंधाफल, गरडाना और देवली सहित कई गांवों में ग्राम चौपालों का आयोजन करेंगे, जिसमें जनसमस्याओं का सीधा समाधान किया जाएगा।
