“वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होने पर सी आईएसएफ ने मनाया जश्न – जनभागीदारी और डिजिटल अभियान के साथ देश भर में मना उत्सव

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा / नई दिल्ली 11 नवंबर 2025, राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देशों का पालन करते हुए, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सभी इकाइयों ने आयोजित उद्घाटन समारोह में उत्साहपूर्वक भाग लिया
कोटा थर्मल के सुरक्षा प्रभारी डिप्टी कमांडेंट टी हॉकिप ने बताया कि इस अवसर पर, नई दिल्ली स्थित बल मुख्यालय एवं सभी सीआईएसएफ इकाइयों में “वंदे मातरम” के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन आयोजित किया गया बल मुख्यालय में 200 से अधिक कर्मियों ने देशभक्ति के जोश के साथ भाग लिया


देश भर में अपनी विशाल भौगोलिक उपस्थिति के साथ, सीआईएसएफ ने इस संदेश का व्यापक प्रसार सुनिश्चित किया। प्रमुख शहरों के साथ-साथ दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित इकाइयों ने अधिकतम जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे नागरिकों को सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता की साझा भावना से जोड़ा जा सके
सभी इकाइयों के सीआईएसएफ कर्मियों ने “वंदे मातरम के साथ कराओके ” नामक डिजिटल अभियान में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रगीत के पूर्ण संस्करण को रिकॉर्ड करके अपलोड किया कई स्थानों पर, उत्सव के उत्साह को बढ़ाने के लिए गायन प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं
सभी इकाइयों और संरचनाओं ने माननीय प्रधान मंत्री के संबोधन के सीधे प्रसारण में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे इस राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव की शुरुआत हुई। अभियान के संदेश को प्रचारित करने के लिए होर्डिंग, बैनर, वेबसाइट क्रिएटिव और एक लघु फिल्म जैसे स्वीकृत ब्रांडिंग सामग्री का भी अनावरण किया गया
इस राष्ट्रव्यापी उत्सव की गति को बनाए रखने के लिए पूरे वर्ष अन्य कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है
“वंदे मातरम” का स्मरणोत्सव भारत की एकता, गौरव और देशभक्ति की भावना को श्रद्धांजलि है – जो प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले स्थायी मूल्यों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। सभी सीआईएसएफ इकाइयों को इन गतिविधियों में बल कर्मियों के साथ-साथ आम जनता को भी शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिससे सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिलेगा और समकालीन समाज में हमारे राष्ट्रीय गीत की शाश्वत प्रासंगिकता को सुदृढ़ किया जा सकेगा

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