प्रमुख संवाद, 22 फरवरी।
कोटा। तपोभूमि प्र7णेता आचार्य श्री 108 प्रज्ञासागर जी महाराज के सानिध्य में आयोजित नैसर्गिक दीक्षा महामहोत्सव हेतु कोटा के विभिन्न जैन मंदिरों में बिंदोली व गोद भराई की रसम अदा की जा रही है इसी कडी में श्री 1008 चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर, रिद्धी सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में भव्य गोद भराई व बिंदौली का आयोजन शनिवार को रात्रि 08 बजे किया गया।
मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा ने बताया कि चित्रअनावरण सकल दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष विमल जैन नांता,मंत्री विनोद टोरडी, जे के जैन,लोकेश जैन सीसवाली, मनोज जैसवाल, यतीश खेडा,पारस बज ने किया तथा गुरूदेव के पादप्रक्षालन का सौभाग्य चेतन कुमार,विशाल कुमार,अर्पित कुमार सरार्फ एवं गुरू आस्था परिवार को प्राप्त हुआ।
आचार्यश्री 108 प्रज्ञासागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में आयोजित इस समारोह में ब्रह्मचारी श्री देवेंद्र भैयाजी (सूरत), ब्रह्मचारिणी मीना दीदी (उज्जैन) एवं ब्रह्मचारिणी प्रेमलता दीदी (इंदौर) की गोद भराई की रस्म पूरी की गई। इसके उपरांत भव्य बिंदोरी निकाली गई, जो मंदिर जी से प्रारंभ होकर कॉलोनी के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः मंदिर जी में सम्पन्न हुई। बिंदोरी में श्रद्धालु भक्तगण अपार उत्साह के साथ नाचते-गाते हुए चले। पूरा वातावरण धार्मिक भक्ति से ओतप्रोत हो गया। समाज के वरिष्ठ जनों, महिलाओं एवं युवाओं ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और दीक्षार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
आचार्य श्री 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज ने इस अवसर पर महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति ही वह शक्ति है, जो निर्थक और निकाचित जैसे कर्मों को नष्ट कर सकती है। प्रवचन में यह संदेश दिया गया कि व्यक्ति को दुनिया के सारे कार्य छोड़कर भगवान की भक्ति में मन लगाना चाहिए।
प्रवचन में यह भी बताया गया कि दान करने के लिए धन की आवश्यकता होती है, लेकिन भक्ति केवल भगवान का नाम लेकर ताली बजाने से ही की जा सकती है। तन की शुद्धि ज्ञान से और मन की शुद्धि भगवान के अभिषेक से होती है।