भीषण गर्मी में गुर्जर समाज ने रचा इतिहास: 51 जोड़े बंधे विवाह बंधन में, 15 हजार से अधिक समाजबंधुओं ने बढ़ाया उत्साह

Written by : Sanjay kumar


कोटा, 30 अप्रैल।

अक्षय तृतीया पर कोटा में आयोजित वीर गुर्जर सामूहिक विवाह सम्मेलन ने इस वर्ष नई ऊंचाइयों को छू लिया। 51 नवयुगल जोड़े समाज की परंपरा और समरसता के प्रतीक बन विवाह बंधन में बंधे। आयोजन स्थल बना श्री देव नारायण मंदिर, गणेश नगर — जहां एक ओर वैदिक मंत्रों की गूंज थी तो दूसरी ओर समाजबंधुओं की अपार भीड़ का उत्साह और अनुशासन।

गर्मी नहीं बनी बाधा, 15 हजार से अधिक समाजबंधु बने साक्षी

भीषण गर्मी के बावजूद सम्मेलन में 15 हजार से अधिक समाजबंधुओं ने भाग लेकर यह सिद्ध कर दिया कि सामाजिक सरोकारों में मौसम आड़े नहीं आता। प्लास्टिक मुक्त आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया। आयोजन स्थल पर जंबो कूलर्स, शुद्ध पेयजल व छायादार व्यवस्थाएं विशेष आकर्षण रहीं।

सम्मेलन नहीं, जनआंदोलन है यह — प्रहलाद गुंजल

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व विधायक एवं कोटा-बूंदी लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने सम्मेलन को केवल सामाजिक नहीं बल्कि एक बड़ा जनआंदोलन बताया। उन्होंने कहा, “चालीस वर्ष पहले जिसकी कल्पना की गई थी, वह आज समाज की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है। यह कार्यक्रम अब सिर्फ आयोजन नहीं रहा, यह समाज के आर्थिक, सांस्कृतिक और नैतिक उत्थान का केंद्र बन चुका है।”

उपहारों से सजी गृहस्थी, भामाशाहों ने बढ़ाया हौंसला

सम्मेलन में नवविवाहित जोड़ों को समिति और भामाशाहों द्वारा गृहस्थी के उपयोगी सामान भेंट किए गए जिनमें सोने-चांदी के आभूषण, बेड, गद्दे, ड्रेसिंग टेबल, कूलर, बर्तन सेट आदि शामिल रहे। समाज के भामाशाहों और गणमान्यजनों का मंच पर साफा, माला और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया।

वरमाला मंच पर 5-5 जोड़ों ने रचाई शादी, मंत्रोच्चार से गूंजा पांडाल

आकर्षक स्टेज पर 5-5 जोड़ों ने एक साथ वरमाला पहनाई। पंडितों ने वैदिक रीति-रिवाजों से विवाह संपन्न कराए। बारातियों का जगह-जगह स्वागत हुआ, जिससे हर कोई सम्मिलित और सम्मानित महसूस कर सका।

सम्मेलन का उद्देश्य: फिजूलखर्ची पर प्रहार, समाज की आर्थिक ताकत का विस्तार

आयोजन समिति के अध्यक्ष शिवराज गुंजल ने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलन केवल विवाह का अवसर नहीं है, यह समाज में बढ़ती फिजूलखर्ची के विरुद्ध एक आंदोलन है। यह कार्यक्रम समाज को आत्मनिर्भरता, सहयोग और समरसता का संदेश देता है।

हर हाथ बना भागीदार, हर चेहरा बना मुस्कान

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में संयोजक हरीश खटाणा, लोकेश पोसवाल, सह संयोजक महावीर धगाल, महामंत्री हंसराज बोड, उपाध्यक्ष रणवीर हूण व अन्य पदाधिकारियों की अथक मेहनत रही। सभी सदस्यों ने कई महीनों की योजना और मेहनत से इस आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप दिया।

आगे भी जारी रहेगा यह प्रयास

मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक रामलाल गुंजल ने घोषणा की कि यह चतुर्थ सम्मेलन था, और हर वर्ष यह और अधिक भव्य रूप में आयोजित होगा। उन्होंने सभी समाजबंधुओं और भामाशाहों का आभार जताया और भविष्य में और अधिक जोड़ों के विवाह हेतु सहयोग की अपील की।



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