Written by : Sanjay kumar
Published : 23 May 2025
फ्रांस के कान्स फिल्म फेस्टिवल—2025 में इस बार केवल सिनेमा ही नहीं, बल्कि भारतीय हस्तकला की शान भी रेड कार्पेट पर दमकती नजर आई। कोटा की प्रसिद्ध सोनचिरैया ज़री साड़ी ने वैश्विक फैशन मंच पर ऐसा प्रभाव छोड़ा कि दुनिया ने भारतीय बुनकरों की नायाब कला को नमन किया। कोटा निवासी और सोनचिरैया ब्रांड की सह-संस्थापक प्रीति सिंह पारीक द्वारा तैयार की गई ये पारंपरिक ज़री साड़ियां कान्स के रेड कार्पेट पर जब रहीं, तो यह क्षण केवल कोटा ही नहीं, संपूर्ण भारतीय शिल्प परंपरा के लिए गौरवपूर्ण बन गया।

वैश्विक मंच पर कोटा ज़री की दमक
ज्योति राजामन्नार, मास्टरकार्ड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर राजा राजमन्नार की पत्नी, ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में दो दिनों तक सोनचिरैया की विशेष ज़री साड़ियां पहनकर भारतीय संस्कृति की अनुपम प्रस्तुति दी। पहले दिन की साड़ी मुग़ल काल से प्रेरित एकल टिश्यू साड़ी थी, जबकि दूसरे दिन उन्होंने गहरे भूरे रंग की डबल टिश्यू मेटैलिक ज़री साड़ी धारण की, जिसमें असली सोने और चांदी के धागों का प्रयोग हुआ था। इस साड़ी की डिज़ाइन में भारतीय वनस्पति, फूलों और फ्लेमिंगो की प्रेरणा थी और इसे तैयार करने में तीन महीने से अधिक का समय लगा।
इस अद्वितीय साड़ी को सब्यासाची के आभूषणों और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के एक्सेसरीज़ के साथ स्टाइल किया गया, जिसने पारंपरिक और आधुनिक फैशन के संगम को दुनिया के सामने पेश किया।
हस्तकला की आत्मा: कोटा के कैथून के कारीगर
सोनचिरैया की स्थापना 2017 में की गई थी और 2020 से यह ब्रांड कोटा के कैथून क्षेत्र के कारीगरों के साथ मिलकर ज़री साड़ियों को पुनर्जीवित करने में जुटा है। पारंपरिक जरदोज़ी तकनीक से तैयार इन साड़ियों को बनाने में अत्यधिक कौशल, धैर्य और समय लगता है — कभी-कभी तीन माह से भी अधिक।
प्रीति सिंह पारीक कहती हैं, “हम सिर्फ वस्त्र नहीं बनाते, हम विरासत रचते हैं। कैथून की गलियों में आज भी सदियों पुरानी कला जीवित है, और हमारा लक्ष्य उस कला को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाना है।”
कोटा ज़री को चुनने वाली प्रमुख हस्तियाँ
इससे पहले भी कोटा ज़री की साड़ियों को कई प्रतिष्ठित शख्सियतें पहन चुकी हैं —
- महारानी राधिका राजे गायकवाड़,
- महारानी अम्बिका राजे,
- मायूरभंज की महारानी राशमी राजे,
- टीना अंबानी (अनंत-राधिका की शादी में),
- और बॉट के संस्थापक अमन गुप्ता की पत्नी प्रिया गुप्ता ने भी इन साड़ियों की शोभा बढ़ाई है।
ज़री साड़ी की विशेषताएँ
- शुद्ध रेशम व सूती धागों के साथ शुद्ध सोने-चांदी की ज़री का प्रयोग
- प्राकृतिक मोटिफ जैसे फूल, पत्तियाँ, बेलें व जालीदार डिज़ाइन
- धीमी, परंपरागत तकनीक से बुनाई, जिसमें कारीगर की निपुणता झलकती है
- शाही भव्यता और आधुनिक डिज़ाइन का बेमिसाल संगम
कोटा की ज़री साड़ी अब केवल एक परिधान नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक आत्मा की प्रतीक बन गई है। कान्स के रेड कार्पेट पर इसकी उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय हस्तकला की चमक आज भी अंतर्राष्ट्रीय फैशन की रोशनी को मात देने में सक्षम है।