Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 29 मई।
राष्ट्र सेविका समिति का दिवसीय प्रबोध वर्ग स्वामी विवेकानन्द स्कूल महावीर नगर तृतीय पर चल रहा है। जहां युवतियां और महिलाएं दण्ड चलाना सीख रही हैं तो मानसिक विकास के लिए राष्ट्रवाद से जुड़े ज्वलंत विभिन्न विषयों पर चर्चा भी कर रही हैं। प्रान्त कार्यवाहिका रीना शुक्ला ने बताया कि प्रातः 5 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक की व्यस्ततम दिनचर्या में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


वर्ग में प्रदेश के सभी जिलों से प्रशिक्षार्थी युवतियां भाग ले रही हैं। इस दौरान वक्तृत्व कला के विकास के लिए प्रतिदिन कार्यशाला आयोजित होती है। जिनमें युवतियां राष्ट्र और संस्कृति से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करती हैं। इसके अलावा हिन्दुत्व और राष्ट्रवादी बातों की विशेष जानकारी देने के लिए बौद्धिक सत्र का आयोजन भी किया जाता है। इसके साथ ही, शारीरिक विकास के लिए दण्ड, नियुद्ध, व्यायाम, गण समता, खेल, योग आदि की कक्षाएं आयोजित होती हैं। इस दौरान ‘फूल नहीं चिंगारी हैं, हम भारत की नारी हैं..’’ जैसे उद्घोष भी लगाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि 15 दिवसीय शिविर में संगठन का महत्व, भगवा ध्वज, भारत माता, अनेकता में एकता, राष्ट्रीयता, कर्मयोगिनी अहिल्याबाई, परिवार व्यवस्था, समाज जीवन व्यवस्था समेत विभिन्न विषयों पर परस्पर चर्चा हो रही है। वहीं भारत का गौरवशाली अतीत, हिंदुत्व, ध्येयनिष्ठ कार्यकर्ता, मानव सेवा, हिंदू चिंतन में महिला, देशभक्ति, भारत की अवनति के कारण, विश्व गुरु भारत और वसुधैव कुटुंबकम जैसे विषयों पर प्रबोधन किया जा रहा है।
गणवेश से एकात्म स्वरूप व समरसता का दर्शन: वजीरानी
मोजी बाबा धाम ऐतिहासिक क्रान्तिकारी स्थल है जहॉ से स्वतन्त्रता संग्राम का बिगुल बजाया गया था। ऐसे ऐतिहासिक स्थान पर राष्ट्र सेविका समिति वायव्य क्षेत्र के प्रबोध वर्ग की गणवेश शाखा सम्पन्न होना सभी सेविकाओं के लिए गौरव का क्षण है। गणवेश केवल वस्त्र या वेषभूषा नहीं है, यह सेविकाओं के लिए समानता, एकरूपता, संगठन भाव और कार्य के प्रति असीम श्रद्धा का प्रतीक है। जिसके कारण गणवेश पहनने पर एकात्म स्वरूप व समरसता का दर्शन होता है। ये विचार राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख वन्दना वजीरानी ने मौजी बाबा धाम पर सम्पन्न गणवेश शाखा में व्यक्त किए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महामण्डलेश्वर डॉ. हेमा सरस्वती ने की। मुख्य अतिथि चांदनी पोद्दार थीं। वर्ग की वर्गाधिकारी सिमरनजीत कौर एवं संगठन की अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख वन्दना वजीरानी ने अतिथियों के साथ आद्य प्रमुख संचालिका वन्दनीय लक्ष्मीबाई केलकर, द्वितीय प्रमुख संचालिका वन्दनीय सरस्वती ताई आप्टे एवं मॉ अष्टभुजा की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। समिति शाखा में सेविकाओं ने दण्ड, नियुद्य, यष्टि, खेल व शारीरिक कार्यक्रमों के साथ गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रान्त की कार्यकारिणी से मधु गोयल, वीणा भोजक, सरोज प्रजापति सहित विभाग व जिला की कार्यकारिणी की बहिनें उपस्थित रहीं।