Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 15 जून 2025।
दृष्टिहीनता के अंधकार को मिटाने वाले महादानियों की स्मृति और उनके परिजनों के प्रति समाज की कृतज्ञता व्यक्त करने के उद्देश्य से आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान – कोटा चैप्टर द्वारा रोटरी बिनानी सभागार, शॉपिंग सेंटर में रविवार को एक अत्यंत भावुक और गरिमामयी “नेत्रदानी परिवार सम्मान समारोह” आयोजित किया गया।




समारोह में हाड़ौती क्षेत्र के 82 नेत्रदानी परिवारों को पुष्पमालाओं, शॉल, दुपट्टा और प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया। जब मंच से किसी नेत्रदानी का नाम पुकारा जाता, तो वहां उपस्थित परिजन की नम आंखें पूरे वातावरण को भावविभोर कर देती थीं।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुखजन:
मुख्य अतिथि राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि, “नेत्रदान उच्चतम दान है, जो किसी के अंधेरे जीवन को रंगों से भर देता है। यह दान व्यक्ति को मृत्यु के बाद भी अमरता प्रदान करता है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक संदीप शर्मा ने की और उन्होंने कहा, “देहदान और नेत्रदान समाज में सबसे श्रेष्ठ कार्य हैं। हम सबको इसे अभियान के रूप में अपनाना चाहिए।”
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने बताया कि आधुनिक तकनीक की मदद से एक कॉर्निया से चार लोगों को दृष्टि दी जा सकती है।
नेत्रदान जागरूकता व वैज्ञानिक पक्ष:
कार्यक्रम में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश पांडेय ने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से कॉर्निया प्रत्यारोपण की वैज्ञानिक प्रक्रिया प्रस्तुत की। उन्होंने बताया:
- भारत में 1.8 करोड़ लोग दृष्टिबाधित हैं।
- हर वर्ष 1.5 लाख कॉर्निया की आवश्यकता होती है, पर उपलब्ध होते हैं केवल 50–55 हजार।
- हर मिनट एक बच्चा और हर पाँच सेकंड में एक वयस्क दृष्टि खो रहा है।
- भारत में 1.2 लाख लोग पूर्णत: कॉर्नियल अंधता से जूझ रहे हैं।
- एक नेत्रदान से दो लोगों को दृष्टि मिल सकती है; आधुनिक तकनीक से एक कॉर्निया से चार व्यक्तियों की दृष्टि सुधारी जा सकती है।
कोटा बना समर्पण की मिसाल:
आई बैंक सोसायटी – कोटा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. के. के. कंजोलिया ने जानकारी दी कि संस्था 2011 से कार्यरत है और अब तक 2027 कॉर्निया प्राप्त कर चुकी है, जिनमें से 1141 का सफल प्रत्यारोपण हुआ है।
संस्था का प्रत्यारोपण रेशो 56.73% है, जो राष्ट्रीय औसत (55%) से अधिक है।
राज्य स्तरीय आंकड़ों में, राजस्थान आई बैंक सोसायटी ने 2002 से अब तक 25570 कॉर्निया प्राप्त किए हैं और 16369 प्रत्यारोपित, यानी 64.20% सफलता दर।
कार्यक्रम की विशेष झलकियाँ:
- नेत्रदान जागरूकता पोस्टर का विमोचन
- डिजिटल माध्यम से नेत्रदान की प्रक्रिया का विस्तार
- सैकड़ों भावुक क्षणों के बीच सभागार में छाई संवेदना
अन्य उपस्थिति:
कार्यक्रम में जिला उद्योग केंद्र के हरिमोहन शर्मा, रोटरी क्लब अध्यक्ष मुकेश व्यास, सचिव धनश्याम मूंदड़ा, जी.डी. पटेल, शांति भंडारी, प्रशांत भंडारी, इ. वी. के. जैन, आर.सी. सहानी सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन गोपाल सोनी एवं डॉ. अमित राठौड़ ने किया।
अंत में सचिव सुरेश सेडवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
डॉ. कंजोलिया का संकल्प:
अंत में अध्यक्ष डॉ. के. के. कंजोलिया ने “कोटा को नेत्रदान नगरी” बनाने का संकल्प दोहराया और सभी नेत्रदानी परिवारों को समाज की ओर से कृतज्ञता और श्रद्धा के साथ नमन किया।