Written by : Sanjay kumar
कोटा, 19 जून।
कृषि विश्वविद्यालय कोटा का 8वां दीक्षांत समारोह राज्य कृषि प्रबंध संस्थान (सिआम) के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने की। उन्होंने 2023-24 सत्र में उत्तीर्ण 343 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं, जिनमें 287 स्नातक, 44 स्नातकोत्तर एवं 12 विद्यावाचस्पति विद्यार्थी शामिल थे।


समारोह में 14 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, जिनमें 9 छात्राएं थीं। स्नातकोत्तर वर्ग की आरती चन्द्रन को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा स्नातक वर्ग की ट्विंकल वर्मा को कुलपति स्वर्ण पदक मिला। राज्यपाल ने बेटियों की सफलता को सराहते हुए कहा कि शिक्षा में उनकी भागीदारी समाज की प्रगति का संकेत है।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि दीक्षांत केवल डिग्री प्राप्त करने का दिन नहीं, बल्कि जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है। यह डिग्री केवल प्रमाणपत्र नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करें।
उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरा है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जैविक खेती में अधिक उत्पादन के उपायों पर शोध करने का आह्वान किया। साथ ही सहायक कृषि व्यवसायों, विशेष रूप से डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से नवीनतम कृषि तकनीकों के प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने हाड़ौती में उत्पादित बासमती चावल की गुणवत्ता का उल्लेख करते हुए किसानों की सराहना की। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक तकनीकों और गुरुकुल प्रणाली की प्रशंसा की।
समारोह में कुलगुरु डॉ. अभय कुमार व्यास ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र कोटा में स्थापित कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से 200 से अधिक उद्यमी तैयार किए गए हैं। विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर 12 एमओयू किए हैं।
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दीक्षांत अतिथि डॉ. जे. पी. शर्मा (पूर्व कुलपति, सुखाड़िया विश्वविद्यालय) ने कहा कि कृषि पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार आधुनिक विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी आदि से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी बेहतर वैज्ञानिक व उद्यमी बन सकें।
इस अवसर पर राज्यपाल ने चना, मसूर व अलसी की पांच नई किस्मों का लोकार्पण, पांच ईकाइयों का उद्घाटन एवं छह पुस्तिकाओं का विमोचन किया। समारोह में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु, अधिकारी, अधिष्ठाता, शिक्षक, कर्मचारी व सेवानिवृत्त अधिकारी उपस्थित रहे।