पुरानी गाड़ियों की एंट्री पर मिल सकती है राहत: दिल्ली सरकार ने CAQM को भेजा पत्र, सिरसा ने उठाए तकनीकी खामियों के सवाल

Written by : Sanjay kumar

अगर रोक नहीं हटी तो कबाड़ बन जाएंगी पुरानी गाड़ियां, लाखों वाहन स्वामियों पर संकट के बादल

नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025।
राजधानी दिल्ली में एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहनों की एंट्री पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर जल्द ही राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को पत्र लिखकर पुराने वाहनों को ईंधन न देने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “पुरानी गाड़ियों को रोकने के लिए लगाए गए ANPR कैमरे (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम) अभी तकनीकी रूप से पूरी तरह सक्षम नहीं हैं। उनमें कई खामियां हैं जैसे सेंसर की खराबी, स्पीकर का न चलना और HSRP नंबर प्लेट की पहचान में असमर्थता। इसके अलावा यह NCR के बाकी हिस्सों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद से जुड़े डेटा के साथ इंटीग्रेटेड भी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि “जब तक यह सिस्टम पूरी तरह भरोसेमंद और NCR स्तर पर लागू नहीं हो जाता, तब तक पुराने वाहनों को ईंधन देने से रोकना आमजन के लिए अनुचित होगा।”

मुख्यमंत्री कार्यालय ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने जानकारी दी कि आमजन की समस्याओं और सार्वजनिक मांगों को देखते हुए यह पत्र CAQM को भेजा गया है। सरकार का मानना है कि जब तक तकनीकी ढांचा मजबूत नहीं होता, तब तक इस तरह का प्रतिबंध तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता।

ट्रैफिक पुलिस भी इंतजार में

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि उन्हें फिलहाल कोई नया आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। “हम फिलहाल CAQM के निर्देशों के अनुसार निगरानी कर रहे हैं। यदि कोई संशोधित आदेश आता है तो उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी,” ट्रैफिक विभाग ने कहा।

अगर रोक नहीं हटी तो क्या होगा?

अगर CAQM द्वारा जारी प्रतिबंध वापस नहीं लिया गया, तो राजधानी में लाखों पुराने वाहन मालिकों को गंभीर आर्थिक और व्यावहारिक संकट का सामना करना पड़ेगा।

  • इन वाहनों को दिल्ली में ईंधन नहीं मिलेगा, जिससे उनका चलना असंभव हो जाएगा।
  • ये गाड़ियाँ केवल कागज़ों पर जीवित रहेंगी और प्रैक्टिकली कबाड़ में तब्दील हो जाएंगी।
  • इन गाड़ियों को NCR के अन्य हिस्सों में ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि वहां भी ऐसा कोई स्पष्ट नियम नहीं है और न ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सहज है।
  • पुनर्चक्रण (Scrapping) की प्रक्रिया अभी भी बेहद धीमी और लाभहीन मानी जा रही है, जिससे वाहन मालिकों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
  • लाखों की संख्या में टैक्सी, ऑटो, निजी कार और दोपहिया वाहन इसके दायरे में आते हैं, जो खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए जीवन यापन का प्रमुख साधन हैं।

समाधान क्या हो सकता है?

  • सरकार ANPR सिस्टम को बेहतर बनाकर और पूरे NCR क्षेत्र में समान रूप से लागू करके निष्पक्षता सुनिश्चित कर सकती है।
  • वैकल्पिक ईंधन (जैसे CNG या इलेक्ट्रिक किट) लगाने की छूट देकर इन वाहनों को फिर से उपयोगी बनाया जा सकता है।
  • पुराने वाहनों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में लचीलापन लाकर उन्हें NCR के अन्य हिस्सों में सीमित रूप से चलाने की अनुमति दी जा सकती है।

दिल्ली सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम राजधानी के लाखों वाहन मालिकों के लिए राहत की उम्मीद लेकर आया है। अगर CAQM इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है, तो जल्द ही पुरानी गाड़ियों को लेकर लागू सख्त नियमों में ढील मिल सकती है। अन्यथा, यह नीति इन वाहनों को कबाड़ में बदलने का कारण बन सकती है, जिससे न केवल आम नागरिक प्रभावित होंगे, बल्कि दिल्ली का ट्रांसपोर्ट इकोसिस्टम भी असंतुलित हो जाएगा।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!