आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज का 37वां चातुर्मास, तप, संयम और प्रवचनों से गूंज रहा है वातावरण

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा, 12 जुलाई।
गुरु आस्था परिवार कोटा के तत्वावधान एवं सकल दिगंबर जैन समाज कोटा के अनुरोध पर तपोभूमि प्रणेता, पर्यावरण संरक्षक और प्रख्यात संत आचार्य 108 श्री प्रज्ञासागर मुनिराज का 37वां चातुर्मास महावीर नगर प्रथम स्थित प्रज्ञालोक में आध्यात्मिक गरिमा और श्रद्धा के साथ चल रहा है।
चैयरमेन यतिश जैन एवं अध्यक्ष लोकेश जैन सीसवाली ने बताया कि शनिवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन, शास्त्र विराजमान, आरती और पूजन का पुण्य सौभाग्य पदमकुमार–विमला जैन परिवार एवं मनोज भाई शाह (भरूच) परिवार को प्राप्त हुआ।

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अपने प्रवचनों में आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी मुनिराज ने प्रसिद्ध कछुआ और खरगोश की कथा के माध्यम से जीवन का गूढ़ संदेश देते हुए कहा कि “कछुआ धीमी गति के बावजूद हार नहीं मानता और खरगोश जीत के भ्रम में ठहर जाता है। यही कारण है कि निरंतर प्रयास करने वाला ही अंततः विजयी होता है।”
उन्होंने रामचरितमानस का उदाहरण देते हुए कहा कि “राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहाँ विश्राम” —
हनुमान जी की तरह जीवन में लक्ष्य के प्रति समर्पण ही सफलता की कुंजी है। आचार्य श्री ने कहा, “यदि जीवन में सफलता नहीं मिल रही तो प्रयासों में ईमानदारी और सततता की कमी है। शत-प्रतिशत प्रयास और सकारात्मक कर्म भावना से ही सुख, शांति और सफलता संभव है।”यदि कर्म शतप्रतिशत नहीं होंगे तो परिणाम शतप्रतिशत नहीं होंगे।
उन्होंने आज के समाज पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मनुष्य 16 घंटे व्यापार को देता है और मात्र 10 मिनट भगवान को, फिर भी अपेक्षा करता है कि भगवान चमत्कार करें। उपेक्षा के साथ अपेक्षा नहीं हो सकती। भगवान की दृष्टि में आने के लिए रोज उनके समक्ष उपस्थित होना होगा।”सूरदास जी के प्रसंग के माध्यम से उन्होंने श्रद्धा का भाव समझाते हुए कहा कि “नेत्रहीन सूरदास मंदिर इसलिए जाते थे ताकि भगवान की दृष्टि में बने रहें, भले ही वह स्वयं प्रभु को न देख सकें, लेकिन भगवान तो उन्हें देख सकते हैं।”गुरुदेव ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य न केवल स्वयं की दृष्टि में, बल्कि ईश्वर की दृष्टि में भी निरंतर उपस्थित रहता है। भगवान का ‘सीसीटीवी कैमरा’ सदैव सक्रिय रहता है, जिसकी निगाहों से कुछ भी ओझल नहीं होता।”
गुरुदेव ने समाज को प्रेरणा देते हुए महावीर नगर स्थित लाल जैन मंदिर के अध्यक्ष लोकेश जैन का उदाहरण दिया, जिनके घर में समस्त सुविधाएं होते हुए भी टीवी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आदर्श आज के समय में विरल है, और यही आचरण जीवन में दूसरों के लिए प्रेरणा बनता है। इस अवसर गुरू पूजन व आरती में गुरू आस्था परिवार चैयरमेन यतीश जैन खेडावाला,अध्यक्ष लोकेश जैन,महामंत्री नवीन जैन,कोषाध्यक्ष अजय जैन,शैलेन्द्र जैन शैलू,अध्यक्ष,गुलाबचंद लुहाड़िया,मिलाप अजमेरा, योगेश सिंघम,सौरभ जैन,अजय मेहरू,अजय खटकिडा, लोकेश दमदमा सहित सैकडो लोग उपस्थित रहे।

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