सम्यक चौक गणेश महोत्सव : कलेक्टर पीयूष समारिया ने छात्रों संग की आरती, दिए अनुशासन व मेहनत से सफलता के मंत्र

Written by : प्रमुख संवाद


कोटा, 2 सितम्बर।
गणेश महोत्सव के अवसर पर मंगलवार को सम्यक चौक पर जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने विद्यार्थियों के साथ भगवान गणेश की आरती की और उन्हें जीवन में सकारात्मकता, अनुशासन और ऊर्जा बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गणेशजी से सबसे बड़ी सीख यही है कि हमें सदैव अपने माता-पिता और गुरुजनों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। गणेश महोत्सव केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि यह नकारात्मकता को दूर कर नई ऊर्जा प्राप्त करने का प्रतीक है।

इसके बाद कामयाब कोटा अभियान के तहत आयोजित ‘डिनर विद कलेक्टर’ कार्यक्रम में समारिया ने छात्राओं से खुलकर संवाद किया। उन्होंने विद्यार्थियों को निर्भीक होकर अपनी समस्याएं साझा करने की सलाह दी। बारिश से जुड़ी परेशानी पर उन्होंने कहा कि प्रशासन छात्रों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

तैयारी और आत्मविश्वास पर कलेक्टर ने कहा कि “तैयारी ही आत्मविश्वास की चाबी है।” उन्होंने बताया कि समय-समय पर उन्हें विभिन्न स्रोतों से प्रेरणा मिली—आईआईटी की तैयारी में वरिष्ठों से, यूपीएससी की तैयारी के दौरान समाज सेवा की भावना से और सबसे बड़ी प्रेरणा परिवार से।

सोशल मीडिया व तकनीकी साधनों पर सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी प्राथमिकताएं पहचानें और समय का सही उपयोग करें। गूगल या चैट जीपीटी जैसे साधनों का अत्यधिक प्रयोग करने की बजाय गुरुजनों से मार्गदर्शन लेना अधिक लाभकारी है।

पीयर प्रेशर और बुरी संगत पर उन्होंने कहा कि यदि आपको पता है कि बुरा क्या है और आपके शत्रु कौन हैं, तो आप आधी जंग पहले ही जीत चुके हैं। आईएएस बनने के अनुभव पर उन्होंने इसे ईश्वर की कृपा बताया और कहा कि समाज की सेवा का अवसर सबसे बड़ा सौभाग्य है।

पेपर लीक और भ्रष्टाचार पर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कमियां हर जगह होती हैं, लेकिन विचलित होने की बजाय मेहनत पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि असली लक्ष्य उनका जीवन और भविष्य है।

समारिया ने विद्यार्थियों को अपनी क्षमता पहचानने, शरीर को आराम देने, नियमित व्यायाम करने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालने की सलाह दी। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें पूरा करने को आत्मविश्वास बढ़ाने का श्रेष्ठ तरीका बताया।

परिवार की अपेक्षाओं और अंकों के दबाव पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थी रोजाना माता-पिता से संवाद करें और अपनी तैयारी की वास्तविक स्थिति साझा करें। केवल अंक ही सफलता का पैमाना नहीं होते, बल्कि शत-प्रतिशत मेहनत ही असली सफलता है।

स्मार्टवर्क और अनुशासन पर उन्होंने कहा कि अपनी कमियों को पहचानें, समय का सही उपयोग करें और गलतियों से सीखें। सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है—अनुशासन और लगातार मेहनत।

ओवरथिंकिंग पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी रुचियों पर ध्यान दें और अभ्यास के माध्यम से विचारों पर नियंत्रण करना सीखें। परीक्षा के दौरान याद न रह पाने या भटकाव की स्थिति को सामान्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे घबराना नहीं चाहिए। टेस्ट से कभी भागना नहीं चाहिए, चाहे तैयारी अधूरी ही क्यों न हो, क्योंकि यह दिमाग को मेहनत की आदत डालता है।

कार्यक्रम में छात्राओं ने मधुर संगीत प्रस्तुत कर माहौल को जीवंत बना दिया। बड़ी संख्या में छात्राएं कार्यक्रम में मौजूद रहीं।


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