“अमेरिका ने खो दिया भारत: ट्रंप का दावा— 50% टैरिफ और SCO शिखर सम्मेलन के बीच रिश्तों में आई दरार”

Written by : Sanjay kumar



वाशिंगटन, 5 सितंबर 2025 – अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “Truth Social” पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन को “खो” दिया है। इस बयान के साथ उन्होंने दोनों देशों के लिए “दीर्घकालीन और समृद्ध भविष्य” की कामना की। इस टिप्पणी के निहितार्थ भारत-अमेरिका संबंधों पर गहरा असर डाल सकते हैं।


मुख्य कथन और घटनाक्रम:

  1. ट्रंप का संदेश:
    “Looks like we’ve lost India and Russia to deepest, darkest China. May they have a long and prosperous future together!” — यह टिप्पणी उन्होंने SCO (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक तस्वीर के साथ साझा की।
    स्रोत: nypost.com, reuters.com
  2. MEA का रिएक्शन:
    भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “इस समय मेरे पास इस पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं है।”
    स्रोत: reuters.com, deccanchronicle.com
  3. जॉन बोल्टन की प्रतिक्रिया:
    पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ट्रंप की नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि व्हाइट हाउस ने “अमेरिका–भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया, जिसके कारण मोदी रूस व चीन के समीप चले गए।”
    उन्होंने यह भी कहा: “…Trump had a very good relationship personally with Modi. I think that’s gone now…”
    स्रोत: hindustantimes.com, tribuneindia.com
  4. व्यापार तनाव और टैरिफ:
    ट्रंप प्रशासन ने अगस्त 2025 में भारत पर 50% तक के दंडात्मक टैरिफ लगाए—25% प्रतिकरात्मक टैरिफ और 25% अतिरिक्त शुल्क, विशेष रूप से भारत के रूसी तेल आयात को लक्ष्य बना कर।
    भारत ने इस कदम को “अन्यायपूर्ण, अनुचित और तर्कहीन” बताया और अपनी ऊर्जा तथा व्यापार स्वायत्तता बनाए रखने का निर्णय लिया।
    वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत रूसी तेल खरीदना जारी रखेगा क्योंकि यह किफायती और व्यावहारिक है।
    स्रोत: en.wikipedia.org, reuters.com
  5. विदेश नीति पर व्यापक प्रभाव:
    • दीर्घकालिक रणनीतिक असर: ट्रंप की नीति ने दशकों से चले आ रहे सामरिक संतुलन को उलट दिया, जिससे भारत पश्चिम से दूर होता जा रहा है।
    • क्वाड और इंडो-पैसिफिक रणनीति पर असर: ट्रंप की “America First” नीति ने QUAD जैसी सहयोगी रणनीतियों को कमजोर किया, जिससे चीन–रूस–भारत के बीच नया सामरिक समीकरण उभरता दिख रहा है।
      स्रोत: ft.com, apnews.com

परिप्रेक्ष्य (Insights):

  • ट्रंप का संदेश केवल बयान नहीं, संकेत है: यह टिप्पणी न केवल व्यक्तिगत भावनाओं का प्रतीक है, बल्कि यह अमेरिका–भारत रणनीतिक संबंधों में उपेक्षा का संकेत भी है।
  • बोल्टन की चेतावनी: अगर निजी संबंध भी स्थायी नहीं रह सकते, तो भविष्य में सामरिक भरोसे को बनाये रखना और कठिन होगा।
  • भारत की स्थिति: ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता की दृष्टि से भारत ने अपनी स्वतंत्र नीति पर कोई समझौता नहीं किया।
  • वैश्विक व्यवस्था: दुनिया बहुध्रुवीय स्वरूप की ओर बढ़ रही है, जहां किसी एक देश का वर्चस्व टिकना कठिन होगा।

सार..

अमेरिका–भारत संबंधों को लेकर ट्रंप का यह बयान केवल सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि रणनीतिक दूरी का प्रतीक है। भारत ने अपनी विकास आवश्यकताओं और वैश्विक भूमिका को स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ाना जारी रखा है, जबकि अमेरिका को यह समझना होगा कि दोस्ती और व्यापार सिर्फ नीतियों पर नहीं, बल्कि भरोसे पर भी आधारित होते हैं।


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