प्रोजेक्ट जिंदगी – नई उम्मीद: अब एंबुलेंस सुविधा के साथ, ग्रामीण अंचलों तक पहुंचेगा लाभ

Written by: प्रमुख संवाद


कोटा, 23 सितम्बर।
सुधा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और जेसीआई कोटा स्टार की संयुक्त पहल “प्रोजेक्ट जिंदगी – एक नई उम्मीद” अब और व्यापक रूप में जरूरतमंदों तक पहुंचेगा। इस प्रकल्प के अंतर्गत निशुल्क बाल हृदय रोग निदान केंद्र में अब एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही ग्रामीण अंचलों में व्यापक प्रचार-प्रसार कर उन परिवारों तक यह सेवा पहुँचाई जाएगी, जो अभी तक जानकारी के अभाव में वंचित हैं।

यह उल्लेखनीय है कि इस प्रकल्प के तहत जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease – CHD) से पीड़ित बच्चों का हार्ट ऑपरेशन पूर्णतः निशुल्क किया जाता है।

अब तक की उपलब्धियाँ

19 जून को प्रारंभ हुए इस प्रकल्प ने शुरुआती 3 महीनों में ही 56 बच्चों को लाभ पहुँचाया है। सभी का निशुल्क 2डी इको कार्डियोग्राफी परीक्षण किया गया, जिनमें से 5 बच्चों का निशुल्क हृदय ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया जा चुका है। शेष बच्चों का दवा से इलाज जारी है और आवश्यकता पड़ने पर उनका ऑपरेशन किया जाएगा।

संस्थाओं की भूमिका

  • डॉ. पलकेश अग्रवाल (निदेशक, सुधा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) ने बताया कि यह पहल हाड़ौती सहित पूरे राजस्थान में बढ़ते जन्मजात हृदय रोग की चुनौती को देखते हुए शुरू की गई है।
  • तनुज खंडेलवाल (प्रेसीडेंट, जेसीआई कोटा स्टार) ने कहा कि केंद्र एमबीएस अस्पताल, नयापुरा, कोटा के सामने संचालित हो रहा है और इसकी सभी सेवाएं पूर्णतः निशुल्क हैं। एंबुलेंस की सुविधा जुड़ने से और अधिक जरूरतमंद बच्चों तक यह सेवा समय पर पहुँचेगी।
  • संजय गोयल (प्रॉजेक्ट कोऑर्डिनेटर एवं मेंटर) ने कहा कि यह केंद्र उन नवजात शिशुओं और बच्चों को जीवनदान देने का प्रयास है, जो समय पर जांच और उपचार न मिलने से गंभीर संकट में आ जाते हैं।
  • गौरव सोनी और पंकज बजाज (वरिष्ठ सदस्य, जेसीआई कोटा स्टार) ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र के एकमात्र बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपेश गुप्ता अपनी विशेषज्ञता से जाँच कर रहे हैं, जिससे अनेक मासूमों को जीवन का नया अवसर मिल रहा है।
  • पवन गुप्ता (कार्यक्रम निदेशक) ने कहा कि उद्देश्य यही है कि किसी भी बच्चे की धड़कनें केवल संसाधनों की कमी के कारण न थमें।

आगे की दिशा

शुरुआती सफलता को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। ताकि दूर-दराज़ के ग्रामीण परिवार भी अपने बच्चों को इस प्रकल्प से जोड़कर समय पर निशुल्क उपचार का लाभ दिला सकें।


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