Written by : Sanjay kumar
दिनांक: 12 अक्टूबर 2025
स्थान: भोपाल / जयपुर / नई दिल्ली
पृष्ठभूमि और वायरल दावे
हाल ही में सोशल मीडिया (विशेषकर Instagram) पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हुआ है, जिसमें यह दावा किया गया है कि सरकार ने ‘डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड’ नामक घटक पर पूर्ण बैन लागू कर दिया है।
इस वीडियो का प्रसार व्यापक रूप से हो रहा है और कई उपयोगकर्ता इसे “सरकारी आदेश” के रूप में शेयर कर रहे हैं।
लेकिन, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की Fact Check टीम ने इस दावे को भ्रामक करार दिया है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह दावा सत्य नहीं है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने केवल कुछ निश्चित फिक्स्ड-डोज़ संयोजनों (FDCs) में डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त दवाओं पर सीमित प्रतिबंध लगाए हैं, न कि पूरे घटक पर।

सच्चाई क्या है
- पूर्ण प्रतिबंध नहीं
सरकार ने कभी भी डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड नामक घटक पर सार्वभौमिक प्रतिबंध नहीं लगाया है। अतः वायरल दावा कि “सरकार ने इसे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है” गलत है। - सीमित प्रतिबंध / नियंत्रण
CDSCO ने कुछ फिक्स्ड-डोज संयोजनों (FDCs) पर रोक लगाई है — विशेष रूप से वे दवाएँ जिनमें डेक्सट्रोमेथॉर्फन के साथ एंटीहिस्टामाइन और डिकंजेस्टेंट जुड़े हों।
इन संयोजनों पर विशेष ध्यान इसलिए है क्योंकि बच्चों में दुष्प्रभावों की आशंका अधिक होती है।
सरकार ने यह शर्त लगाई है कि 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन संयोजनों का उपयोग नहीं किया जाए। - दोनों पक्षों की सावधानी ज़रूरी
लोगों को चाहिए कि वे इंटरनेट पर मिले दावों पर भरोसा न करें, बल्कि सरकारी स्रोत, औषधि नियंत्रण एजेंसियाँ, और स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक घोषणाएँ देखें।
यदि किसी कफ सिरप या खांसी की दवा में डेक्सट्रोमेथॉर्फन हो, तो डॉक्टर की सलाह और दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी सिरप से बच्चों की मृत्यु: घटनाक्रम और कार्रवाई
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हाल ही में “Coldrif” कफ सिरप के सेवन के बाद कम-से-कम 20 बच्चों की मौतें हुईं।
जांच में पाया गया कि इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक जहरीला रासायनिक तत्व बहुत अधिक मात्रा में था — लगभग 48.6% जबकि स्वीकृत सीमा लगभग 0.1% है।
सरकारी आदेश के अनुसार “Coldrif” सिरप को कई राज्यों में प्रतिबंधित कर दिया गया और इसके निर्माण व बिक्री को रोका गया।
इस सिरप का निर्माण तमिलनाडु स्थित Sresan Pharmaceuticals द्वारा किया गया था। कंपनी के मालिक S. Ranganathan को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सभी संदिग्ध बैचों की जांच की जा रही है।
राजस्थान में भी इसी प्रकार की घटनाएँ सामने आई हैं। सीकर जिले में एक 5 वर्षीय बालक की खांसी सिरप सेवन के बाद मृत्यु हुई।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल जांच के आदेश दिए और कहा कि राज्य में उपलब्ध सभी कफ सिरप के सैंपल लिए जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु (Highlights)
विषय: वायरल दावा — “डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड पर पूर्ण प्रतिबंध”
वास्तविक स्थिति: केवल कुछ संयोजनों पर सीमित प्रतिबंध, पूरे घटक पर नहीं
मौतों का कारण: दूषित सिरप में अत्यधिक डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) पाया गया
कंपनी और गिरफ्तारी: Coldrif सिरप बनाने वाली Sresan Pharmaceuticals के मालिक गिरफ्तार
राज्य प्रतिक्रियाएँ: मध्य प्रदेश और राजस्थान में जांच और सैंपलिंग शुरू
अपील
यह स्पष्ट हो गया है कि कफ सिरप या अन्य औषधियों से संबंधित भ्रामक या अधूरी जानकारी फैलाना जानलेवा परिणाम दे सकता है।
जनता से अपील की जाती है:
- किसी भी वायरल संदेश या वीडियो पर विश्वास करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
- औषधि संबंधी जानकारी के लिए PIB, CDSCO और स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक घोषणाओं को देखें।
- किसी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
- यदि आपके पास किसी संदिग्ध कंपनी की कफ सिरप की बोतल है तो उसे तुरंत फार्मासिस्ट या स्वास्थ्य विभाग को सौंपें।
- मीडिया और नागरिक समाज को इस विषय पर जनजागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ रोकी जा सकें।
