Written by : Sanjay kumar
जोधपुर / जैसलमेर, 15 अक्टूबर 2025 — आज़ दोपहर को राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक बेहद दुखद घटना घटी, जिसमें जैसलमेर से जोधपुर दिशा में जा रही एक निजी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से कम-से-कम 20 यात्रियों की मृत्यु हो गई और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह प्रेस विज्ञप्ति इस त्रासदी की स्थिति, बचाव प्रयासों, प्रशासन की कार्रवाई तथा आगे की जाँच-पढ़ताल की जानकारी एकत्र करके पेश करती है।

1. घटना का संक्षिप्त विवरण
- घटना दिनांक 14 अक्टूबर 2025, लगभग दोपहर 3:00 बजे के बाद शुरू हुई, जब बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर निकली थी।
- बस कुल 57 यात्रियों को लेकर चली थी।
- बस जैसलमेर से कुछ ही किलोमीटर दूर थैयत ग्राम के पास (लगभग 10–20 किमी दूर) पाई गई, जब पिछले हिस्से से धुआँ निकलना शुरू हुआ।
- ड्राइवर ने तुरंत बस को सड़क किनारे रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही क्षणों में आग ने पूरी बस को लपेट लिया।
- कई यात्रियों ने भाग कर या कूद कर बाहर निकलने का प्रयास किया, लेकिन अधिकांश यात्रियों को निकलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया क्योंकि बस में केवल एक ही निकास मार्ग था।
- कुछ यात्रियों ने आग लगने की आवाज़ को “धमाके” की तरह बताया। (सूचना स्रोतों में यह विवरण भी सामने आया है)
2. हताहत एवं घायल मामले
- मारे गए यात्रियों की संख्या 20, जिनमें मार्ग पर शव पाए गए 19 और एक घायल की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हुई।
- घायल यात्रियों की संख्या 16, जिनमें से अधिकांश को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
- जानकारी के अनुसार, कुछ घायलों को पहले जवाहर अस्पताल, जैसलमेर में भर्ती कराया गया और गंभीर स्थिति वाले उन्हें जो धपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।
- घायलों में से कई को बर्न यूनिट में रखा गया है। कुछ का इलाज वेंटिलेटर और ICU पर चल रहा है। (मीडिया सूत्रों में यह विवरण सुझाव के रूप में आ रहा है)
- मृतकों की पहचान संभवत: डीएनए परीक्षण द्वारा की जानी है, क्योंकि शव अत्यंत क्षतिग्रस्त अवस्था में मिले हैं।
3. बचाव और राहत कार्य
- घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने मौके पर पहुँचकर यात्रियों को बचाने का प्रयास किया।
- पास ही से गुजर रहे वॉटर टैंकर का पानी और स्थानीय संसाधन अग्नि शमन में प्रारंभिक मदद देने में प्रयुक्त हुए।
- फायर ब्रिगेड और पुलिस टीमों ने राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया। घटना स्थल के निकट एक सैन्य केंद्र होने के कारण वहाँ के जवानों ने भी सक्रिय सहयोग दिया।
- कुछ रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि एम्बुलेंस की संख्या कम थी और उनके पहुँचने में विलंब हुआ।
- प्रशासन ने तत्काल ही हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि यात्रियों के परिजन जानकारी हासिल कर सकें।
- जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार ने एहतियातन हरे कॉरिडोर सहित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
4. संभावित कारण और प्रारंभिक जांच
- अभी तक घटना का कोई निश्चित कारण सामने नहीं आया है; यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आग लगने के निम्न कारण संभव हो सकते हैं:
a) शॉर्ट सर्किट — विशेषकर पिछले हिस्से में विद्युत प्रणाली में खराबी।
b) एसी कंप्रेसर विस्फोट — बस में एसी प्रणाली के कम्पोनेंट में विस्फोट या गैस लीकेज के कारण आग फैलने का अनुमान लगाया जा रहा है। कई मीडिया स्रोत इसे संभावित कारण के रूप में बता रहे हैं।
c) सामान गार्डरूम में पटाखों या ज्वलनशील पदार्थ — यह संभावना भी ज़ाहिर की जा रही है कि सामान रखने वाले डिब्बे में रखे गए पटाखे या अन्य ज्वलनशील सामग्री ने आग को तेजी से बढ़ाया हो। - मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी उल्लेख है कि यह बस नए खरीदी गई थी (कुछ रिपोर्टों के अनुसार मात्र 5 दिन पुरानी) और इसे सामान्य बस से स्लीपर/एसी बस में परिवर्तित किया गया था।
- बस की उत्पत्ति, संधारण अभिलेख (maintenance record), विद्यमान सुरक्षा मानक (fire safety measures, इमरजेंसी निकास की व्यवस्था) व संशोधन की स्थिति की जाँच की जाएगी।
- राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन विभाग, फायर सेवा, पुलिस एवं अन्य संबंधित एजेंसियों की संयुक्त जाँच टीम गठित की जाए।
5. प्रशासन और सरकार की कार्रवाई
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट द्वारा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को ₹2,00,000 एवं घायलों को ₹50,000 मुआवजे की घोषणा की।
- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत घटना स्थल का दौरा किया और राहत एवं बचाव व्यवस्थाओं का आकलन किया।
- सरकार ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और संबंधित परिजनों से सैंपल लेने की प्रक्रिया अधिकारियों द्वारा शुरू कर दी गई है।
- प्रशासन ने इस घटना के सम्बन्ध में फास्ट-ट्रैक जाँच व रिपोर्ट की घोषणा की है ताकि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई शीघ्र हो सके।
- संबंधित परिवहन कंपनियों के लाइसेंस, बसों की सुरक्षा मानक अनुपालन और स्लीपर बस संचालन विनियमों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है।
- राज्य एवं जिला स्तर पर मृतकों के परिजनों को मानसिक सहायता, परिवहन एवं कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
6. चुनौतियाँ व आगे की दृष्टि
- शवों की पहचान अत्यंत दुष्कर स्थिति में है, इसलिए डीएनए जाँच क्रियान्वयन में समय और संसाधन की चुनौतियाँ होंगी।
- जांच में जेनेसिस (अभिलेख, दस्तावेज, साक्ष्य संग्रह) का समुचित प्रबंधन अनिवार्य होगा ताकि आग लगने का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सके।
- यदि बस को सामान्य बस से अनाधिकृत रूप से स्लीपर/एसी बस में रूपांतरित किया गया था, तो उस संशोधन की वैधता और सुरक्षा मानकों की अनुपालन जांचना होगा।
- आगनिरोधक व्यवस्था (fire suppression system), इमरजेंसी निकास एवं प्रणालियों की जाँच और सुधार की सख्त आवश्यकता सामने आई है।
- राज्य सरकार को आवागमन मार्गों की बस सुरक्षा मानकों की समीक्षा और संशोधन कर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
- मृतकों के परिजनों एवं घायलों को न्यायोचित मुआवजे और दीर्घकालीन चिकित्सा एवं पुनर्वास सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
7. संपर्क जानकारी एवं सहायता केंद्र
- जो धपुर : जिला नियंत्रण कक्ष फोन – 0291-2650349 / 2650350
- महतमा गांधी अस्पताल, जो धपुर (घायलों की जानकारी हेतु)
- ट्रॉमा सेंटर, जवाहर अस्पताल, जैसलमेर (डीएनए सैंपल एवं मृतकों की पहचान हेतु)
- राजस्थान परिवहन एवं लोक परिवहन विभाग, राज्य सरकार कार्यालय
- फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL), जो धपुर — मृतकों की पहचान एवं तकनीकी जाँच हेतु
निष्कर्ष
यह अग्नि दुर्घटना न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि उस व्यवस्था की खामियों और अनुपालन की अनदेखी पर एक ज्वलंत चेतावनी भी है। सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन, बसों की समय-समय पर जांच, इमरजेंसी निकास व्यवस्था और अग्नि प्रत्युत्तर प्रणाली की उपलब्धता अनिवार्य है। सरकार और प्रशासन को इस घटना की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जाँच सुनिश्चित करनी होगी, ताकि दोषियों को दंड मिले और भविष्य में ऐसी जोखिम-पूर्ण घटनाएँ रोकी जा सकें।
