सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर ‘यूनिटी मार्च’ के पोस्टर का विमोचन

Written by : प्रमुख संवाद


कोटा, 29 अक्टूबर।
भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में एकता और अखंडता का संदेश देने के उद्देश्य से ‘यूनिटी मार्च’ कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इसी क्रम में बुधवार को कोटा में आयोजित प्रेसवार्ता में ‘यूनिटी मार्च’ का पोस्टर जारी किया गया।

कार्यक्रम में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर, कोटा शहर जिला अध्यक्ष राकेश जैन, देहात जिला अध्यक्ष प्रेम गोचर, कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया, यूनिटी मार्च शहर संयोजक राकेश मिश्रा, देहात संयोजक ललित शर्मा, राष्ट्रीय सेवा योजना जिला समन्वयक रीना कुमारी और जिला युवा अधिकारी सचिन पाटोदिया मंचस्थ रहे।
कार्यक्रम का संचालन अरविन्द सिसोदिया ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन सचिन पाटोदिया ने दिया।


🔹 “भारत की एकता का श्रेय सरदार पटेल की दूरदर्शिता को जाता है” — मदन दिलावर

शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ अन्याय नहीं हुआ होता तो वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होते।
उन्होंने कहा, “देश की आजादी के बाद 600 से अधिक रियासतों का भारत में विलय पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति और अद्भुत राजनीतिक समझ का परिणाम था। आज जो भारत अखंड और एकजुट दिखाई देता है, वह उनकी दूरदर्शिता का सजीव प्रमाण है।”
दिलावर ने कहा कि सरदार पटेल के सख्त और निर्णायक नेतृत्व के कारण ही हैदराबाद, जूनागढ़ जैसी रियासतों का भारत में विलय संभव हुआ।


🔹 “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के आदर्शों को अमर करती है” — हीरालाल नागर

ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक सरदार पटेल ने जिस भारत का सपना देखा था, उसे साकार करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के माध्यम से किया।
उन्होंने कहा कि “182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा आज विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है, जो भारत की शक्ति और एकता का प्रतीक बन चुकी है।”
नागर ने कहा कि पटेल का जीवन सेवा, समर्पण और दृढ़ता का आदर्श है — और आज के युवा उनके मार्ग पर चलकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।


🔹 “31 अक्टूबर से 26 नवंबर तक चलेगा यूनिटी मार्च अभियान” — राकेश जैन

कोटा शहर जिला अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर ‘यूनिटी मार्च’ अभियान 31 अक्टूबर (सरदार पटेल जयंती) से प्रारंभ होकर 26 नवंबर (संविधान दिवस) तक चलेगा।
इस दौरान रन फॉर यूनिटी, पदयात्रा, सांस्कृतिक आयोजन, स्वास्थ्य शिविर, जन-जागरण रैलियाँ और सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह अभियान “अखंड भारत से आत्मनिर्भर भारत” की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।

जैन ने बताया कि

  • 31 अक्टूबर को गुजराती सभा भवन में पटेल प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी जाएगी।
  • 16 नवंबर को शहीद स्मारक से यूनिटी मार्च का शुभारंभ होगा, जो अग्रसेन सर्किल, नयापुरा, नाना देवी मंदिर, सत्येश्वर महादेव मंदिर और जे.डी.बी. कॉलेज से होकर पुनः शहीद स्मारक पर समापन होगा।
  • समापन पर आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दिलाया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल को उनकी अमूल्य सेवाओं के लिए भारत का पहला भारत रत्न मिलना चाहिए था, परंतु उन्हें 1991 में यह सम्मान मिला। मोदी सरकार ने उनके प्रति न्याय करते हुए 31 अक्टूबर को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की।


🔹 “देहात क्षेत्र में भी पैदलयात्रा और एकता रैलियाँ होंगी” — प्रेम गोचर

देहात जिला अध्यक्ष प्रेम गोचर ने बताया कि कोटा देहात में सांगोद स्टेडियम से शहीद स्मारक तक पैदलयात्रा आयोजित की जाएगी। यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थलों पर जनसंपर्क और एकता के कार्यक्रम होंगे।
उन्होंने कहा कि इस दौरान रन फॉर यूनिटी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, शपथ समारोह और रैलियाँ आयोजित की जाएँगी ताकि लोगों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और राष्ट्रभक्ति की भावना सशक्त हो।


🔹 संपूर्ण आयोजन में जनभागीदारी पर रहेगा फोकस

यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “जनभागीदारी से राष्ट्र निर्माण” के विजन से प्रेरित है।
कार्यक्रम में जिला महामंत्री रितेश चित्तौड़ा, शैलेन्द्र ऋषि, रामलाल टटवाड़िया, मीडिया संयोजक अनिल तिवारी, प्रवक्ता अमित सेन, महेश आहूजा, जगदीश सिंह मोहिल सहित अनेक पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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