Written by : Sanjay kumar
Jaipur : 11 Nov 2025
मुख्य बिंदु
- 1991 बैच के आईएएस अधिकारी सुधांश पंत को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में सचिव नियुक्त किया गया है।
- पंत ने 1 जनवरी 2024 को राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव के पदभार को संभाला था।
- सेवानिवृत्ति उनकी फरवरी 2027 में निर्धारित थी, लेकिन वे लगभग 13 महीने पहले ही राज्य मुख्य सचिव पद से हट रहे हैं।
- ट्रांसफर का आधिकारिक कारण रिक्त केंद्र-सचिवालयीय पद का पुनर्भरण बताया गया है।
- हालांकि अनौपचारिक स्रोतों के अनुसार इस परिवर्तन के पीछे नीचे दिए गए तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं।
ट्रांसफर के तीन बड़े कारण
- केंद्र-राज्य समन्वय और भरोसेमंद अधिकारी की आवश्यकता
पंत को लंबे समय से केंद्र सरकार के भरोसेमंद अधिकारी के रूप में देखा जाता रहा है। उनके पास केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सचिवालय दोनों में अनुभव है।
इस दृष्टि से, उन्हें सामाजिक न्याय मंत्रालय में नियुक्त करना इस भाँति देखा जा रहा है कि केंद्र-सरकार को ऐसे अधिकारी की आवश्यकता थी, जो राज्यों-केंद्र के बीच योजनाओं तथा क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभा सके। - राज्य में प्रशासनिक हलकों में उठती हलचल और रणनीतिक बदलाव
राज्य सचिवालय में पंत ने खुद यह संकेत दिया था कि “जल्द ही बड़ा धमाका होने वाला है” – यह संकेत प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय रहा।
इसके अलावा, राजस्थान में कुछ बड़े संसाधन और योजनात्मक मॉनिटरिंग मामले चल रहे थे, जहाँ पंत की सख्ती और तेज प्रतिक्रिया-शैली दिखाई देती थी। - व्यक्तिगत प्रोफाइल और कैडर परिवर्तन की संभावना
पंत ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव के रूप में भी कार्य किया है और कोविड-प्रबंधन के समय उनका अनुभव चर्चा में रहा है।
यह संभावना भी उठाई गई है कि उनकी ओर से केंद्र में सक्रिय भर्ती तथा नकदी प्रवाह, राज्य-मानकों और केंद्र-मानकों के मेल के संदर्भ में भूमिका को देखा गया होगा, इस कारण उन्हें दिल्ली लौटने का अवसर मिला।
आगे की संभावनाएँ: राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर
- राज्य में मुख्य सचिव की खाली सीट पर अब वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की दौड़ तेज हो गई है। प्रशासनिक गलियारों में निम्न नाम चर्चा में हैं:
- अभय कुमार (1992 बैच) को पहले स्थान पर माना जा रहा है।
- इसके अलावा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य सचिवालय में प्रमोशन-शिफ्ट की संभावनाएँ तलाश रहे हैं।
- केंद्र में पंत की नई पोस्टिंग यह संकेत देती है कि केंद्र सरकार सामाजिक न्याय विभाग को पूर्व की अपेक्षा और ऊँचे स्तर से संचालित करना चाहती है, जहाँ उनकी नियुक्ति रणनीतिक माना जा रहा है।
- राजस्थान में आने वाले महीनों में बड़े -बड़े विभागीय फेर-बदल और “जूनियर सेनीयोर” सहित पुनर्व्यवस्थापन देखने को मिल सकते हैं, ताकि राज्य-केंद्र समन्वय सुचारु रहे।
निष्कर्ष
यह प्रशासनिक बदलाव न केवल एक साधारण ट्रांसफर है, बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण संकेत देता है — केंद्र-राज्य संबंध, योजना-क्रियान्वयन की गति तथा प्रशासनिक सख्ती की दिशा में। पंत का 13 महीने से पहले जाना इस बात का संकेत भी हो सकता है कि राज्य तथा केंद्र दोनों स्तरों पर अब नए एक्टर्स की भूमिका सक्रिय होगी। इसके साथ ही राजस्थान में प्रशासनिक धारा में भी तेजी से परिवर्तन संभव है।
